• About us
  • Contact us
Monday, October 20, 2025
32 °c
New Delhi
29 ° Tue
30 ° Wed
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home मनोरंजन बॉलीवुड

आवाज की कशिश से गीता दत्त ने श्रोताओ को मंत्रमुग्ध किया

News Desk by News Desk
July 20, 2024
in बॉलीवुड
आवाज की कशिश से गीता दत्त ने श्रोताओ को मंत्रमुग्ध किया
Share on FacebookShare on Twitter

पुण्यतिथि 20 जुलाई के अवसर पर
मुंबई, 20 जुलाई (कड़वा सत्य) हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में गीता दत्त का नाम एक ऐसी पार्श्वगायिका के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी आवाज की कशिश से श्रोताओं को मदहोश किया।
23 नवंबर 1930 में फरीदपुर शहर में जन्मीं गीता दत्त महज 12 वर्ष की थी तब उनका पूरा परिवार फरीदपुर .अब बंगलादेश में .से मुंबई आ गया।उनके पिता जमींदार थे । बचपन के दिनों से ही गीता दत्त का रूझान संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायिका बनना चाहती थी। गीता दत्त ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा हनुमान प्रसाद से हासिल की। गीता दत्त को सबसे पहले वर्ष 1946 में फिल्म ..भक्त प्रहलाद .. के लिये गाने का मौका मिला। उन्होंने कश्मीर की कली , रसीली , सर्कस किंग जैसी कुछ फिल्मो के लिये भी गीत गाये, लेकिन इनमें से कोई भी बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुयी।इस बीच गीता दत्त की मुलाकात संगीतकार एस.डी.बर्मन से हुयी। बर्मन साहब को गीता के रूप में फिल्म इंडस्ट्री का उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया और उन्होंने गीता दत्त से अपनी अगली फिल्म ..दो भाई .. के लिये गाने की पेशकश की। वर्ष 1947 में प्रदर्शित फिल्म .. दो भाई.. गीता दत्त के सिने कैरियर की अहम फिल्म साबित हुयी और इस फिल्म में उनका गाया यह गीत .. मेरा सुंदर सपना बीत गया .. लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। फिल्म की कामयाबी के बाद बतौर पार्श्वगायिका गीता दत्त अपनी पहचान बनाने में सफल हो गयी।
वर्ष 1951 गीता दत्त के सिने कैरियर के साथ ही व्यक्तिगत जीवन में भी एक नया मोड़ लेकर आया। फिल्म ..बाजी .. के निर्माण के दौरान उनकी मुलाकात निर्देशक गुरूदत्त से हुयी। फिल्म के एक गाने..तदबीर से बिगड़ी हुयी तकदीर बना ले .. की रिकार्डिंग के दौरान गीता को देख गुरू दत्त मोहित हो गये। गीता दत्त भी गुरूदत्त से प्यार करने लगी और वर्ष 1953 में दोनों ने शादी कर ली। इसके साथ ही फिल्म ..बाजी .. की सफलता ने गीता दत्त की तकदीर बना दी और बतौर पार्श्वगायिका वह फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गयी।
वर्ष 1956 गीता दत्त के सिने कैरियर में एक अहम पड़ाव लेकर आया। फिल्म हावड़ा ब्रिज के संगीत निर्देशन के दौरान ओ.पी.नैयर ने एक ऐसी धुन तैयार की थी जो सधी हुयी गायिकाओं के लिये भी काफी कठिन थी। जब उन्होने गीता दत्त को ..मेरा नाम चिन चिन चु .. गाने को कहा तो उन्हे लगा कि वह इस तरह के पाश्चात्य संगीत के साथ तालमेल नहीं बिठा पायेंगी। गीता दत्त ने इसे एक चुनौती की तरह लिया जब उन्होंने इस गीत को गाया तो उन्हें भी इस बात का सुखद अहसास हुआ कि वह इस तरह के गाने गा सकती है।
गीता दत्त के पंसदीदा संगीतकार के तौर पर एस.डी.बर्मन का नाम सबसे पहले आता है। गीता दत्त के सिने कैरियर में उनकी जोड़ी संगीतकारओ.पी.नैयर के साथ भी पसंद की गयी। वर्ष 1957 में गीता और गुरू दत्त की विवाहित जिंदगी मे दरार आ गयी। गुरूदत्त चाहते थे गीता दत्त केवल उनकी बनाई फिल्म के लिये ही गीत गाये। काम में प्रति समर्पित गीता दत्त तो पहले इस बात के लिये राजी नहीं हुयी लेकिन बाद में गीता दत्त ने किस्मत से समझौता करना ही बेहतर समझा। धीरे धीरे अन्य निर्माता निर्देशको ने गीता दत्त से किनारा करना शुरू कर दिया। कुछ दिनो के बाद गीता दत्त अपने पति के बढ़ते दखल को बर्दाशत न कर सकी और उन्होंने गुरू दत्त से अलग रहने का निर्णय कर लिया।
गीता दत्त से जुदाई के बाद गुरूदत्त टूट से गये और उन्होंने अपने आप को शराब के नशे मे डूबो दिया। दस अक्तूबर 1964 को अत्यधिक मात्रा मे नींद की गोलियां लेने के कारण गुरू दत्त इस दुनियां को छोड़कर चले गये। गुरू दत्त की मौत के बाद गीता दत्त को गहरा सदमा पहुंचा और उन्होंने भी अपने आप को नशे में डुबो दिया। गुरूदत्त की मौत के बाद उनकी निर्माण कंपनी उनके भाइयों के पास चली गयी। गीता दत्त को न तो बाहर के निर्माता की फिल्मों मे काम मिल रहा था और न ही गुरू दत्त की फिल्म कंपनी में। इसके बाद गीता दत्त की माली हालत धीरे धीरे खराब होने लगी।
कुछ वर्ष के पश्चात गीता दत्त को अपने परिवार और बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास हुआ और वह पुनः फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खोयी हुयी जगह बनाने के लिये संघर्ष करने लगी। इसी दौरान दुर्गा पूजा में होने वाले स्टेज कार्यक्रम के लिये भी गीता दत्त ने हिस्सा लेना शुरू कर दिया।वर्ष 1967 में प्रदर्शित बंग्ला फिल्म ..बधू बरन .. में गीता दत्त को काम करने का मौका मिला जिसकी कामयाबी के बाद गीता दत्त कुछ हदतक अपनी खोयी हुयी पहचान बनाने में सफल हो गयी।हिन्दी के अलावा गीता दत्त ने कई बंगला फिल्मों के लिये भी गाने गाये। सत्तर के दशक में गीता दत्त की तबीयत खराब रहने लगी और उन्होंने फिर गीत गाना कम कर दिया । लगभग तीन दशक तक अपनी आवाज से श्रोताओ को मदहोश करने वाली पार्श्वगायिका गीता दत्त 20 जुलाई 1972 को इस दुनिया से विदा हो गयी।
 
कड़वा सत्य

Tags: audiencecharmGeeta Dutthermesmerizedvoicewithआवाजकशिशगीता दत्तमंत्रमुग्धश्रोताओ
Previous Post

ओमान के पास डूबे जहाज़ से नौ क्रू सदस्य बचाए गए

Next Post

दक्षिण अफ़्रीका ने इज़रायल की निपटान गतिविधि पर संयुक्त राष्ट्र न्यायालय के फैसले का किया स्वागत

Related Posts

आवाज के जादू से संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज किया लता मंगेश्कर ने
मनोरंजन

आवाज के जादू से संगीत  ियों के दिलों पर राज किया लता मंगेश्कर ने

February 6, 2025
आवाज के जादू से संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज किया लता मंगेश्कर ने
बॉलीवुड

आवाज के जादू से संगीत  ियों के दिलों पर राज किया लता मंगेश्कर ने

February 6, 2025
मेरा पूरा ध्यान एकदिवसीय सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी पर है: रोहित
खेल

मेरा पूरा ध्यान एकदिवसीय सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी पर है: रोहित

February 5, 2025
उत्साहित भारतीय टीम जीत के इरादे से उतरेगी
खेल

उत्साहित भारतीय टीम जीत के इरादे से उतरेगी

February 5, 2025
सिल्वर से शुरुआत, सोने की ओर बढ़ते कदम:नीरज ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान
खेल

सिल्वर से शुरुआत, सोने की ओर बढ़ते कदम:नीरज ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान

February 4, 2025
भारत का पहला माइक्रो ड्रामा फेस्टिवल थेस्पिस संपन्न
बॉलीवुड

भारत का पहला माइक्रो ड् ा फेस्टिवल थेस्पिस संपन्न

February 4, 2025
Next Post
दक्षिण अफ़्रीका ने इज़रायल की निपटान गतिविधि पर संयुक्त राष्ट्र न्यायालय के फैसले का किया स्वागत

दक्षिण अफ़्रीका ने इज़रायल की निपटान गतिविधि पर संयुक्त राष्ट्र न्यायालय के फैसले का किया स्वागत

New Delhi, India
Monday, October 20, 2025
Mist
32 ° c
41%
10.4mh
33 c 26 c
Tue
33 c 26 c
Wed

ताजा खबर

जब इंग्लैंड के राजा को गिर जंगल के राजा ने दर्शन नहीं दिए

जब इंग्लैंड के राजा को गिर जंगल के राजा ने दर्शन नहीं दिए

October 20, 2025
आधुनिक दीपावली का आर्थिक अपराधशास्त्र

आधुनिक दीपावली का आर्थिक अपराधशास्त्र

October 19, 2025
Maharashtra Road Accident: नंदुरबार में श्रद्धालुओं से भरी पिकअप पलटी, 6 की मौत, 10 से ज्यादा घायल

Maharashtra Road Accident: नंदुरबार में श्रद्धालुओं से भरी पिकअप पलटी, 6 की मौत, 10 से ज्यादा घायल

October 18, 2025
Punjab Road Accident: मानसा के झुनीर में पंजाब रोडवेज बस ने बच्चों को कुचला, दो छात्राओं की मौके पर मौत

Punjab Road Accident: मानसा के झुनीर में पंजाब रोडवेज बस ने बच्चों को कुचला, दो छात्राओं की मौके पर मौत

October 18, 2025
पशुपति से तिरुपति का लाल कॉरिडोर खत्म

पशुपति से तिरुपति का लाल कॉरिडोर खत्म

October 18, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved