नयी दिल्ली 27 मई (कड़वा सत्य) दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने गृह मंत्रालय के सहयोग से संचार साथी पहल के माध्यम से नागरिकों को संभावित एसएमएस धोखाधड़ी से बचाने के लिए कार्रवाई की है।
डीओटी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गृह मंत्रालय में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने साइबर अपराध करने के लिए धोखाधड़ी वाले संचार भेजने के लिए आठ एसएमएस हेडर के दुरुपयोग के बारे में जानकारी प्रदान की है।
डीओटी ने पाया कि पिछले तीन महीनों में इन आठ हेडर का उपयोग करके 10,000 से अधिक धोखाधड़ी वाले संदेश भेजे गए। प्रमुख संस्थाएं जो इन आठ एसएमएस हेडर की मालिक थीं, उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। इन प्रमुख संस्थाओं के स्वामित्व वाले सभी 73 एसएमएस हेडर और 1,522 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट्स को भी ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। इनमें से किसी भी प्रमुख इकाई, एसएमएस हेडर या टेम्पलेट का उपयोग अब किसी भी दूरसंचार ऑपरेटर को एसएमएस भेजने के लिए नहीं किया जा सकता है।
दूरसंचार विभाग ने इन संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट में डालकर नागरिकों के संभावित उत्पीड़न को रोका है। दूरसंचार विभाग ने साइबर अपराध से नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने में दूरसंचार विभाग की मदद करने के लिए नागरिक संचार साथी पर चक्षु सुविधा पर संदिग्ध धोखाधड़ी संचार के खिलाफ शिकायत दर्कीज कर सकते हैं।
टेलीमार्केटिंग गतिविधियों के लिए मोबाइल नंबरों का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। यदि कोई उपभोक्ता प्रचार संदेश भेजने के लिए अपने टेलीफोन कनेक्शन का उपयोग करता है, तो पहली शिकायत पर उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा, और उनका नाम और पता दो साल की अवधि के लिए ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। टेलीमार्केटिंग कॉल को उनके पूर्वलग्नों द्वारा पहचाना जा सकता है। टेलीमार्केटिंग के लिए 180, 140 है और इसके लिए 10-अंकीय नंबरों की अनुमति नहीं है।
शेखर
कड़वा सत्य