• About us
  • Contact us
Tuesday, August 26, 2025
26 °c
New Delhi
31 ° Wed
32 ° Thu
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home देश

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश की शीर्ष अदालत के खिलाफ ‘अनुचित’ टिप्पणियों को हटाया

News Desk by News Desk
August 7, 2024
in देश
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश की शीर्ष अदालत के खिलाफ
Share on FacebookShare on Twitter

नयी दिल्ली, 07 अगस्त (कड़वा सत्य) उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की ओर शीर्ष अदालत के खिलाफ की गई टिप्पणियों को “बिल्कुल अनुचित” “निंदनीय” और अवमानना ​​क्षेत्राधिकार के प्रयोग के बराबर मानते हुए बुधवार को उन्हें हटाने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ , न्यायमूर्ति   खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने (शीर्ष अदालत का स्वत: संज्ञान) मामले पर सुनवाई के बाद कहा कि वह अपने संवैधानिक कर्तव्य के अनुसार इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य है, क्योंकि टिप्पणियां उसके अधिकार को कमजोर करती हैं।
शीर्ष अदालत ने टिप्पणियों को गंभीर चिंता का विषय मानते हुए कहा कि उससे (टिप्पणियों से) न्यायिक प्रक्रिया को अपूरणीय क्षति हो सकती है, क्योंकि उसे उम्मीद है कि भविष्य में कुछ सावधानी बरती जाएगी।
पीठ ने कहा, “हमें उम्मीद है कि अदालत को भविष्य में उसी न्यायाधीश या इस देश के किसी अन्य न्यायाधीश के संबंध में इसी तरह के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना पड़ेगा।”
शीर्ष अदालत के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों की पीठ ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजबीर सहरावत द्वारा 17 जुलाई को दिए गए एक आदेश में की गई कुछ टिप्पणियों को हटा दिया।
उच्च न्यायालय के उस न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय के इस दृष्टिकोण को अस्वीकार कर दिया था कि “वह स्वयं को वास्तविकता से अधिक ‘सर्वोच्च’ मानता है तथा उच्च न्यायालय को संवैधानिक रूप से उससे कम ‘उच्च’ मानता है।”
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को ‘पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के 17 जुलाई 2024 के आदेश एवं सहायक मुद्दों के संबंध में’ स्वतः संज्ञान मामला दर्ज किया था।
पांच सदस्यीय पीठ ने कहा, “न्यायिक प्रणाली की पदानुक्रमिक प्रकृति के संदर्भ में न्यायिक अनुशासन का उद्देश्य सभी संस्थाओं की गरिमा को बनाए रखना है, चाहे वह जिला न्यायालय हो, या उच्च न्यायालय या शीर्ष न्यायालय।”
पीठ ने कहा, “ऐसी स्थिति में (जहां इस न्यायालय के अधिकार को कम आंका जा रहा है) न्यायिक पदानुक्रम की पवित्रता को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। इसलिए हम न्यायमूर्ति शेरावत द्वारा की गई टिप्पणियों को हटाते हैं और उम्मीद करते हैं कि सावधानी बरती जाएगी।”
पीठ ने स्पष्ट किया कि शीर्ष न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का अनुपालन करना पसंद का मामला नहीं है, बल्कि संवैधानिक दायित्व का मामला है।
पीठ ने कहा, “पक्षकार किसी आदेश से व्यथित हो सकते हैं। न्यायाधीश कभी भी उच्च संवैधानिक मंच द्वारा पारित आदेश से व्यथित नहीं होते। इस तरह की टिप्पणियों से पूरी न्यायिक व्यवस्था बदनाम होती है। इससे न केवल इस न्यायालय की गरिमा प्रभावित होती है, बल्कि उच्च न्यायालय की भी गरिमा प्रभावित होती है।”
पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद कहा कि हालांकि टिप्पणियां अवमानना ​​की सीमा पर थीं, लेकिन वह संयम बरतने के लिए इच्छुक थी। अदालत ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पहले ही न्यायाधीश के आदेश पर स्वत: संज्ञान लिया था और उस पर रोक लगा दी थी।
पीठ ने कहा, “पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एकल पीठ द्वारा की गई टिप्पणियों से हम दुखी हैं। ये टिप्पणियां सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के संबंध में की गई हैं।” शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि एकल न्यायाधीश की कार्यवाही का एक वीडियो क्लिप पहले से ही प्रसारित है।
श्री वेंकटरमणी ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की ओर से “कुछ उल्लंघन हुआ है, जो अनुचित है”। श्री मेहता ने कहा कि वीडियो क्लिप “गंभीर अवमानना” का मामला बनाती है क्योंकि यह आचरण न केवल न्यायिक औचित्य और न्यायिक अनुशासन के विरुद्ध है, बल्कि अवमाननापूर्ण भी है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, “सीधा प्रसारण के इस युग में यह आवश्यक है कि न्यायाधीश कार्यवाही के दौरान अधिक संयम बरतें, क्योंकि टिप्पणियों से न्यायिक प्रक्रिया को अपूरणीय क्षति हो सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में कुछ हद तक सावधानी बरती जाएगी। हम इस स्तर पर किसी भी न्यायिक जांच का निर्देश देने से बचते हैं, लेकिन संवैधानिक कर्तव्य के अनुसार हम हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य हैं।”
 , 
कड़वा सत्य

Tags: अदालतएकखिलाफन्यायाधीशपंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्टशीर्षसुप्रीम कोर्ट
Previous Post

अवामी लीग के दो सांसदों , 100 समर्थकों के घरों में तोड़फोड़

Next Post

बंगलादेशी पत्रकार श्यामल दत्ता को देश छोड़ने की नहीं दी गयी अनुमति

Related Posts

सुप्रीम कोर्ट ने सीएलएटी-2025 नतीजे संबंधी सभी लंबित मामले दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित किया
देश

सुप्रीम कोर्ट ने सीएलएटी-2025 नतीजे संबंधी सभी लंबित मामले दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित किया

February 6, 2025
आसाराम डॉक्यूमेंट्री विवाद पर केंद्र, राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
देश

आसा  डॉक्यूमेंट्री विवाद पर केंद्र, राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

February 6, 2025
सुरक्षा एजेंसी घुसपैठ पर अंकुश लगा कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें: शाह
देश

सुरक्षा एजेंसी घुसपैठ पर अंकुश लगा कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें: शाह

February 5, 2025
त्रिपुरा के एक दशक से पुराने चिटफंड घोटाले में एक भगोड़ा भिवंडी में सीबीआई के हत्थे
देश

त्रिपुरा के एक दशक से पुराने चिटफंड घोटाले में एक भगोड़ा भिवंडी में सीबीआई के हत्थे

February 3, 2025
होशियार सिंह (अपना अरस्तु) एक ख़ास फ़िल्म, कहानी को बताया जाना है ज़रूरी : सतिंदर सरताज
देश

होशियार सिंह (अपना अरस्तु) एक ख़ास फ़िल्म, कहानी को बताया जाना है ज़रूरी : सतिंदर सरताज

February 2, 2025
मॉस्को कोर्ट ने रुस्नानो के शीर्ष प्रबंधक कासेनकोवा को सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में किया गिरफ्तार
विदेश

मॉस्को कोर्ट ने रुस्नानो के शीर्ष प्रबंधक कासेनकोवा को सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में किया गिरफ्तार

February 1, 2025
Next Post
बंगलादेशी पत्रकार श्यामल दत्ता को देश छोड़ने की नहीं दी गयी अनुमति

बंगलादेशी पत्रकार श्यामल दत्ता को देश छोड़ने की नहीं दी गयी अनुमति

New Delhi, India
Tuesday, August 26, 2025
Light rain shower
26 ° c
93%
16.2mh
36 c 28 c
Wed
36 c 29 c
Thu

ताजा खबर

Breaking News: सरकारी एम एस एम ई पत्रिका बनी गलतियों का पिटारा! प्रधानमंत्री की तस्वीर से मजाक !

Breaking News: सरकारी एम एस एम ई पत्रिका बनी गलतियों का पिटारा! प्रधानमंत्री की तस्वीर से मजाक !

August 25, 2025
पटना पासपोर्ट सेवा केंद्र में लगेगी अनोखी कला प्रदर्शनी! आम लोग भी देख सकेंगे बिहार के 15 नामी कलाकारों की पेंटिंग्स

पटना पासपोर्ट सेवा केंद्र में लगेगी अनोखी कला प्रदर्शनी! आम लोग भी देख सकेंगे बिहार के 15 नामी कलाकारों की पेंटिंग्स

August 25, 2025
Greater Noida Nikki Murder Case: पति के बाद सास भी गिरफ्तार, पुलिस करेगी आमने-सामने पूछताछ

Greater Noida Nikki Murder Case: पति के बाद सास भी गिरफ्तार, पुलिस करेगी आमने-सामने पूछताछ

August 25, 2025
Cheteshwar Pujara ने क्रिकेट को कहा अलविदा, अब रहाणे-मिश्रा भी रिटायर हो सकते हैं

Cheteshwar Pujara ने क्रिकेट को कहा अलविदा, अब रहाणे-मिश्रा भी रिटायर हो सकते हैं

August 25, 2025
SC का बड़ा आदेश: अब राज्यों पर होगी जिम्मेदारी, 70% कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण अनिवार्य

SC का बड़ा आदेश: अब राज्यों पर होगी जिम्मेदारी, 70% कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण अनिवार्य

August 25, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved