नयी दिल्ली, 17 जनवरी (कड़वा सत्य) अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) ने विश्व चैंपियन गुकेश डोमराजू को एक करोड़ रुपये और विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन कोनेरू हम्पी को 50 लाख रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया।
राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह की पूर्व संध्या पर गुरुवार को आयोजित सम्मान समारोह में एआईसीएफ ने शतरंज का प्रतिष्ठित विश्व खिताब जीतकर देश को गौरांवित करने वाले 18 वर्षीय डी. गुकेश को एक करोड़ रुपये और उनकी सपोर्ट टीम के लिए 50 लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की। इसके अलावा एआईसीएफ ने भारत की नंबर-वन महिला शतरंज खिलाड़ी हम्पी को भी 50 लाख रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया। हम्पी ने हाल ही में 2024 फिडे महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती है। यह दूसरी बार था जब उन्होंने विश्व स्तरीय प्रतियोगिता जीती। वर्ष 2024 फिडे विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली आर. वैशाली रमेशबाबू को भी 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर महासंघ द्वारा गुकेश के माता-पिता को शॉल ओढ़कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर एआईसीएफ के अध्यक्ष नितिन नारंग ने कहा, “हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि हमारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शतरंज की दुनिया में जीत हासिल कर रहे हैं। जहां तक गुकेश की बीत है तो आपका धैर्य, आपकी दृढ़ता और कभी हार न मानने की आदत ही वह है जिसकी वजह से आप आज सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने हैं।”
एआईसीएफ के महासचिव देव पटेल ने कहा, “मैं इस अवसर पर खिलाड़ियों और परिवारों को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ। रजनीकांत सर, मैडम पद्मा, आपने गुकेश को यहां तक पहुंचाने में बहुत त्याग किया है और आपकी कड़ी मेहनत के बिना, मुझे मुमकिन नहीं होता। मुझे पता है कि कुछ दिन बहुत कठिन होंगे, यह आसान नहीं है और हम इसका सम्मान करते हैं और हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं। हम्पी, एक मां के रूप में, अपनी बेटी के बारे में सोचना हमेशा आपके दिमाग में रहता था। उसके लिए परिवार सबसे पहले आता है और हम आपके त्याग और देश के लिए आपके द्वारा किए गए हर काम के लिए धन्यवाद देते हैं। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है।”
इस अवसर पर गुकेश ने कहा, “2024 शतरंज के लिए एक बड़ा साल था। हमें प्रशंसकों, मीडिया और महासंघ से बहुत समर्थन मिला। हमने कई उपलब्धियां हासिल कीं और निरंतर समर्थन के साथ, हम देखेंगे कि कई खिलाड़ी शतरंज को अपनाएंगे और अधिक पदक जीतेंगे। मुझे यकीन है कि 2025 और भी बेहतर होगा।”
हम्पी ने भी महासंघ के प्रति आभार व्यक्त करते कहा, “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। यह पदक हमारी मातृभूमि का है। मैं खुद को धन्य महसूस करती हूं कि एआईसीएफ ने हमारी प्रतिभा और कड़ी मेहनत को पहचाना है। हम अक्सर क्रिकेट को एक प्रमुख खेल के रूप में देखते हैं। हमारे देश में बहुत प्रतिभा है और युवा अपनी पहचान बनाने के लिए उत्सुक हैं। हम देश के लिए और अधिक पदक जीतने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।”
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कड़वा सत्य