श्रीनगर/अनंतनाग, 25 मई (कड़वा सत्य) लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान के दौरान शनिवार को अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में मतदान के पहले दो घंटों के दौरान 18.36 लाख मतदाताओं में से अनुमानित 8.98 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि सुबह नौ बजे तक नौशेरा क्षेत्र में सबसे अधिक 12.52 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, इसके बाद पुंछ हवेली में 11.98 प्रतिशत, थन्ना मंडी में 11.32 प्रतिशत और अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर मेंढर में 11.10 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला।
सबसे कम मतदान अनंतनाग में छह प्रतिशत और उसके बाद कुलगाम खंड में 5.31 प्रतिशत दर्ज किया गया।
अनंतनाग पश्चिम में पहले दो घंटों के दौरान 6.79 प्रतिशत, बुद्धल 10.81, डी एच पोरा 8.11, देवसर 8.11, दूरू 8.40, कोकेरनाग 10.31, पहलगाम 10.98, राजौरी में 9 प्रतिशत, शांगस 7.03, श्रीगुफवारा 6.04, सुरनकोट 7.30 और ज़ैनापोरा 8.35 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया ।
अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र के 2,338 मतदान केंद्रों पर मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक समाप्त होगा।
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में पहला बड़ा चुनाव है।
अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र से 20 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं और उनमें से प्रमुख पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रभावशाली गुज्जर नेता मेन अल्ता, अपनी पार्टी के जफर मन्हास और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेस आजाद पार्टी के मोहम्मद सलीम इस बार मैदान में हैं।
भाजपा ने यह कहते हुए अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है कि पार्टी को कश्मीर में कमल खिलाने की कोई जल्दी नहीं है तथा उसने अपनी पार्टी के मन्हास को मौन समर्थन दिया है, जो पहाड़ी हैं।
अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में 18 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जो कश्मीर और जम्मू क्षेत्रों में फैले हुए हैं। यह निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण कश्मीर के शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों में 11 खंडों में और पीर पंजाल रेंज को पाटते हुए जम्मू के पुंछ और राजौरी जिलों में सात खंडों में विभाजित है।
वर्ष 2019 से पहले दक्षिण कश्मीर एक एकल संसदीय क्षेत्र था, जबकि राजौरी और पुंछ जिले जम्मू लोकसभा सीट का हिस्सा थे। परिसीमन के बाद जम्मू संभाग के सात और कश्मीर संभाग के 11 विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर अनंतनाग-राजौरी सीट बनाई गयी।
समीक्षा अशोक
कड़वा सत्य