बीजिंग, 26 दिसंबर (कड़वा सत्य) चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका को ताइवान के मुद्दे पर दखलअंदाजी करना और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता को कमजोर करने वाली हरकतें बंद करनी चाहिए।
पिछले सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2024 के लिए 886 लाख करोड़ डॉलर के रक्षा बजट पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने ताइवान की सैन्य क्षमताओं में निवेश सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने का अपना इरादा घोषित किया।
श्री निंग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह विधेयक चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है, ताइवान को अमेरिकी सैन्य समर्थन को लेकर हंगामा खड़ा करता है, एक-चीन सिद्धांत और तीन संयुक्त चीनी-अमेरिकी विज्ञप्तियों का उल्लंघन करता है।”
उन्होंने कहा, “चीन ने अमेरिका से ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करने के श्री बाइडेन के वादे को पूरा करने, ताइवान मुद्दे में दखलअंदाजी करना और ताइवान जलडमरूमध्य में सुरक्षा को कमजोर करना बंद करने का आग्रह किया है।”
चीनी प्रवक्ता ने कहा, “यह विधेयक चीन-अमेरिका व्यापार और आर्थिक संबंधों की सामान्य प्रगति में बाधा डालता है।” उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ताइवान के संबंध में अपनी मौजूदा नीति जारी रखता है, तो चीन इसके लिए सक्रिय कदम उठाएगा।”
उल्लेखनीय है कि ताइवान 1949 से मुख्य भूमि चीन से स्वतंत्र रूप से शासित है। चीन इस द्वीप को अपना प्रांत मानता है, जबकि ताइवान का कहना है कि यह एक स्वायत्त इकाई है, लेकिन स्वतंत्रता की घोषणा करने से कतराता है। चीन ताइवान के साथ किसी भी आधिकारिक विदेशी संपर्क का विरोध करता है और द्वीप पर चीनी संप्रभुता को निर्विवाद मानता है।
ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के अमेरिका में तत्कालीन अमेरिकी हाउस स्पीकर केविन मैकार्थी से मुलाकात के बाद ताइवान के आसपास अप्रैल से तनाव बरकरार है। चीन ने द्वीप के पास बड़े पैमाने पर तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू करके माकूल जवाब दिया, जिसे उसने ताइवानी अलगाववादियों और विदेशी शक्तियों के लिए चेतावनी बताया। वहीं अगस्त और सितंबर में ताइवानी सशस्त्र बलों ने द्वीप के आसपास के क्षेत्र में चीनी नौसैनिक और हवाई गश्ती दल को कई बार मौजूदगी की सूचना दी।
संतोष, उप्रेती