नयी दिल्ली, 14 जनवरी (कड़वा सत्य) इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन प्रभाग (एनएमसीएम) ने मंगलवार को यहां अपना प्रतिष्ठा दिवस मनाया।
आईजीएनसीए की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम की अधय्क्षता आईजीएनसीए के डीन (प्रशासन) एवं कलानिधि प्रभाग के अध्यक्ष प्रो. रमेश चंद्र गौड़ ने की। एनएमसीएम के निदेशक डॉ. मयंक शेखर ने अतिथियों एवं वक्ताओं का स्वागत किया।
इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में विमल कुमार सिंह ने ‘भविष्य के गांव’ विषय पर विचार व्यक्त किए, वहीं आशीष कुमार गुप्ता ने ‘भारतीय ग् व्यवस्था’ के बारे में एक नई दृष्टि प्रस्तुत की।
इस मौके पर देश के तीन गांवो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला स्थित सिंगरौर उप्रहार, केरल के पतनमतिट्टा जिले के रन्नी तहसील स्थित अयरूर और असम के मेरीगांव जिला स्थित जोनबील पर आधारित फिल्मों का लोकार्पण किया गया।
गौरतलब है कि एनएमसीएम के माध्यम से देश के साढ़े छह लाख गांवों के विशिष्ट सांस्कृतिक पहलुओं का संग्रह और दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। शहरीकरण ने देश के गांवों के आकार को 20 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य, लगातार बदलते विश्व की चुनौतियों के बीच गांवों के सांस्कृतिक लोकाचार को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देना है।
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कड़वा सत्य