जम्मू, 29 जनवरी (कड़वा सत्य) जम्मू-कश्मीर में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष, गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को महाराजा हरि सिंह द्वारा भूमि और नौकरी के अधिकारों के ऐतिहासिक संदर्भ पर प्रकाश डाला।
श्री आजाद ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए अनुच्छेद 370 की वकालत करने में अपनी व्यक्तिगत भूमिका पर बल दिया और पार्टी छोड़ने के बाद से इस मामले पर कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाया।
राज्य का दर्जा बहाल करने की सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में जनता को आश्वस्त करते हुए, श्री आजाद ने सत्ता में चुने जाने पर अपनी प्राथमिकता के रूप में भूमि और नौकरी के अधिकारों की रक्षा करने वाले कानूनों को लागू करने का वचन दिया।
उन्होंने गुर्जर समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर चिंता व्यक्त करते हुए उनका उत्थान करने तथा सम्मान एवं गरिमा सुनिश्चित करने का वादा किया। श्री आज़ाद ने चुनावी लाभ के लिए गुर्जर समुदाय का शोषण करने के लिए अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना की, रोशनी योजना और बेघरों को मुफ्त भूमि के आवंटन पर सीएम के रूप में उनके ध्यान की तुलना की।
उन्होंने इस तरह की पहलों की समीक्षा करने और उन्हें बहाल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। धर्म आधारित राजनीति को खारिज करते हुए श्री आजाद ने विकास केंद्रित एजेंडे के प्रति समर्पण की पुष्टि की।
उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से गैर-भेदभाव और समावेशिता को बनाए रखने का आग्रह किया, और चुने गए तो पार्टी और सरकार दोनों की ओर से सभी समुदायों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने का वादा किया।
उन्होंने लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्र की भलाई के लिए समग्र समाधान की दिशा में काम करने के महत्व को भी रेखांकित किया।
श्री आजाद ने कहा कि अधिकांश अधिकारियों बाहरी होते हैं और उनमें जम्मू-कश्मीर के बारे में जरूरी अनुभव और जानकारी नहीं होती है, जिसके कारण सार्वजनिक मुद्दे अनसुलझे रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी चुनौतियों को समझने और उनसे निपटने के लिए अधिक स्थानीय अधिकारियों और एक स्थानीय सरकार की आवश्यकता है और यही कारण है कि मैं समय से पहले चुनाव के महत्व पर बल देता हूं।
अभय