नयी दिल्ली 26 सितंबर (कड़वा सत्य) सरकार ने खरीफ बुवाई के उच्च क्षेत्रफल को खाद्य मूल्य परिदृश्य के लिए शुभ संकेत बताते हुये आज कहा कि मानसून के विषम स्थानिक वितरण के प्रभाव की निगरानी की आवश्यकता है और जैसे-जैसे सार्वजनिक व्यय बढ़ता है और ग् ीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है समग्र विकास में भी आने वाली तिमाहियों में तेजी रहने की उम्मीद है।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की आज जारी मासिक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। इसमें कहा गया है कि चालूवित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक गति बरकरार रही। वित्त वर्ष 21 से लगभग 27 प्रतिशत की संचयी वास्तविक जीडीपी वृद्धि के साथ, अर्थव्यवस्था ने न केवल महामारी के दौरान खोई हुई जमीन को वापस पा लिया, बल्कि वित्त वर्ष 24 के अंत तक कई उत्पादक क्षेत्रों में परिवर्तनकारी बदलाव भी हासिल किए। स्थिर कीमतों पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। सभी प्रमुख गैर-कृषि क्षेत्रों में पहली तिमाही में वृद्धि 5 प्रतिशत से अधिक रही, जो व्यापक-आधारित विस्तार का संकेत देती है।