तेल अवीव 26 दिसम्बर(कड़वा सत्य) इजरायल में विपक्ष के नेता यायर लैपिड ने हमास विद्रोहियों के साथ दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस्तीफा देने के लिए अपना आह्वान दोहराया है।
अल जज़ीरा समाचार चैनल की रिपोर्ट में इज़राइली समाचार आउटलेट जीएलजेड रेडियो पर लैपिड को उद्धृत करते हुये कहा, “युद्ध के बीच में प्रधानमंत्री को बदलना अच्छा नहीं है। लेकिन जो ऑफिस में है वो तो और भी बुरा है। वह जारी नहीं रख सकते,।’
श्री लैपिड ने गाजा पर इज़राइल की बमबारी की शुरुआत में नेतन्याहू के युद्ध मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया था और नेतन्याहू की सरकार के लगातार आलोचक रहे हैं।
दूसरी तरफ विश्लेषकों का मानना है कि श्री नेतन्याहू इज़राइल में ‘दो दबावों को संतुलित’ बनाने का प्रयास कर रहे है। दोहा इंस्टीट्यूट फॉर ग्रेजुएट स्टडीज के सहायक प्रोफेसर टैमर करमाउट का कहना है कि संघर्ष विराम के लिए मिस्र के नवीनतम प्रस्ताव में इजरायल में बंदियों और मिस्र के प्रस्ताव में शामिल होने या नहीं होने को लेकर असहमति है।
करमाउट ने कहा “हम इस प्रस्ताव में शामिल होने के लिए विपक्षी दलों, बंदियों के परिवारों की ओर से नेतन्याहू पर आंतरिक दबाव बढ़ता हुआ देख रहे हैं। लेकिन नेतन्याहू अभी भी अपने रुख पर कायम हैं,।’
उन्होंने कहा, “रणनीतिक रूप से वह उन परिवारों पर दबाव डाल रहा है जिन्होंने गाजा में दैनिक आधार पर अपने सैनिकों को खोया है, जो बदला लेना चाहते हैं, जो हमास का अंत देखना चाहते हैं। वे दो दबावों को संतुलित कर रहे है। यह इज़रायल में चल रहा खेल है, लेकिन अब तक मुझे लगता है कि नेतन्याहू के पास अभी भी अपने पद पर बने रहने का मौका है।”
करमाउट ने कहा कि अधिकांश ज़ायोनी आबादी गाजा में इज़राइल के सैन्य अभियान का समर्थन करना जारी रखती है, “और यही समस्या है”।
सैनी डेस्क
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