श्रीनगर, 21 अप्रैल (कड़वा सत्य) जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां)के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को इंडिया समूह की बात का पालन नहीं करने के लिए उन्हें ‘स्वार्थी’ बताया।
श्री उमर दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा में एक रैली में बोल रहे थे। जहां नेकां के उम्मीदवार मेन अल्ताफ का मुकाबला पीडीपी अध्यक्ष सुश्री मुफ्ती, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के उम्मीदवार मोहम्मद सलीम और अपनी पार्टी के नेता जफर मन्हास से है।
उन्होंने कहा,“इंडिया समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित सांप्रदायिक ताकतों का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था। सीट शेयरिंग या अपना फायदा देखने जैसी कोई बात नहीं थी।” श्री उमर ने कहा, सिर्फ यह देखना था कि जम्मू-कश्मीर पूरे देश के साथ कैसे प्रगति करेगा।
उन्होंने कहा,“दुर्भाग्य से, नेकां को इस निर्वाचन क्षेत्र में समूह के सदस्यों में से एक के खिलाफ चुनाव लड़ना है और वे आरोप लगा रहे हैं कि नेकां ने उन्हें धोखा दिया है।”
श्री उमर ने अपने भाषण में नेकां को स्वार्थी बताते हुए सुश्री महबूबा पर आरोप लगाया ‘हमने शुरू से ही कहा था कि कश्मीर घाटी की जिन तीन सीटों पर नेकां ने चुनाव जीता था, उन्हीं पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे।”
उन्होंने कहा,“अगर हम स्वार्थी हैं, तो क्या कांग्रेस भी स्वार्थी है। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की तारागामी ने नेकां उम्मीदवार मियां अल्ताफ को दक्षिण कश्मीर सीट से चुनाव जिताने के लिए खुले तौर पर समर्थन दिया। क्या वे सभी स्वार्थी हैं। स्वार्थी वे लोग हैं जो किसी भी तरह सीट पाने के लिए इंडिया समूह से जुड़े थे और उनका कोई अन्य मकसद नहीं था।”
उन्होंने कहा,“इंडिया समूह का मुकाबला भाजपा से है, जो यहां मेरे साथ मंच साझा कर रहे हैं. और जो लोग मंच पर नहीं हैं वे सीधे तौर पर भाजपा को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
श्री उमर ने कहा,“हमारा मकसद सिर्फ उन लोगों के खिलाफ था जिन्होंने देश में नस्लवाद का जहर फैलाया, जम्मू-कश्मीर को बर्बाद किया, एक भाई को भाई से लड़ाया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया।’ उन्होंने कहा कि हमने अस्तित्व, पहचान, सम्मान और इन ताकतों को हराने का संकल्प लिया, इसके लिए हमने कारगिल, जम्मू और उधमपुर सीटें गठबंधन सहयोगियों के लिए छोड़ दीं।”
श्री उमर ने जनसभा के दौरान कहा,“मुझे उम्मीद है कि आप मेरी बात पर विचार करेंगे और सात मई को मतदान के दिन आपका जो भी फैसला होगा वह हमें स्वीकार्य होगा।”
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कड़वा सत्य