नयी दिल्ली, 21 मई (कड़वा सत्य) तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाने और उनके एकीकरण के लिए चल रही कवायद के बीच प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने तीनों सेनाओं से एक संयुक्त संस्कृति बनाने का आह्वान किया है।
जनरल चौहान ने मंगलवार को यहां 22वें मेजर जनरल समीर सिन्हा मेमोरियल लेक्चर में ‘ज्वाइंटमैनशिप: द वे अहेड’ विषय पर बोलते हुए सशस्त्र बलों में संयुक्त संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया और इसे आगे बढ़ने का रास्ता करार दिया।
उन्होंने कहा कि पहला चरण सेनाओं के बीच बेहतर सौहार्द और आम सहमति के बारे में था और चूंकि अब कोई बड़ा मतभेद नहीं नजर आ रहा है इसलिए अब सेनाओं को दूसरे चरण की ओर बढना है।
तीनों सेनाओं की अपनी विशिष्ट संस्कृति को स्वीकार करते हुए सीडीएस ने सेनाओं में चौथी संस्कृति बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “संयुक्त संस्कृति हालांकि सेना विशिष्ट संस्कृति से भिन्न है, फिर भी प्रत्येक सेवा की विशिष्टता का सम्मान करने की आवश्यकता है। हमें प्रत्येक सेना का सर्वश्रेष्ठ हासिल करने में सक्षम होना चाहिए, और सबसे कम सामान्य हिस्से के लिए समझौता करने के बजाय उच्चतम सामान्य कारक को शामिल करना चाहिए।”
सीडीएस ने कहा कि थिएटर कमान अंतिम स्थिति नहीं बल्कि सुधारों के अगले सेट की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा, इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड से सिंगल से मल्टी डोमेन ऑपरेशंस, पारंपरिक डोमेन में फ्यूजिंग स्पेस और साइबर स्पेस, युद्धक्षेत्र की जानकारी और विजुअलाइजेशन का डिजिटलीकरण, नेट सेंट्रिक से डेटा सेंट्रिक जैसे कई सुधारों को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार को जरूरी बताते हुए सीडीएस ने कहा, दुनिया भर के राष्ट्र नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और विश्व व्यवस्था में मौजूदा बदलाव राष्ट्रों को अपनी सुरक्षा रणनीतियों की समीक्षा करने के लिए मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का तेज और बेलगाम प्रसार भविष्य में युद्ध लड़ने के तौर तरीके को बदल रहा है।
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कड़वा सत्य