नयी दिल्ली 08 अप्रैल(कड़वा सत्य) आयकर विभाग ने आवास भत्तों (एचआरए) दावों से संबंधित मामलों को फिर से खोलने से संबंधित मीडिया पोस्टों को निराधार बताते हुये आज कहा कि करदाता द्वारा दायर की गई और आयकर विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के बेमेल होने के कुछ मामले डेटा के सत्यापन के नियमित अभ्यास के हिस्से के रूप में विभाग के ध्यान में आए हैं।
विभाग ने इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी करते हुये कहा कि ऐसे मामलों में, विभाग ने करदाताओं को सचेत किया है ताकि वे सुधारात्मक कार्रवाई कर सकें। हालाँकि, सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट, साथ ही मीडिया में लेखों ने उन मामलों में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा शुरू की गई पूछताछ पर प्रकाश डाला है जहां कर्मचारियों ने एचआरए और किराए के भुगतान के गलत दावे किए हैं। शुरुआत में यह कहा गया है कि इन मामलों पर पूर्वव्यापी कराधान और एचआरए दावों से संबंधित मुद्दों पर मामलों को फिर से खोलने के बारे में कोई भी आशंका पूरी तरह से निराधार है।