नयी दिल्ली, 25 जुलाई (कड़वा सत्य) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव अपूर्व चंद्रा ने गुरुवार को कहा कि किशोरों का स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तीकरण सुनिश्चित करना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
श्री चंद्रा ने आज यहां “इकोनॉमिक केस फॉर इन्वेस्टमेंट इन द वैल बीइंग ऑफ एडोलसेंस्ट्स इन इंडिया” रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर किशोरों के प्रति भारत की स्पष्ट प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि किशोरों का सशक्तीकरण स्थायी विकास लक्ष्य (एसडीजी) में महत्वपूर्ण तत्व हैं। उन्होंने कहा, “ सरकार एक ऐसा परिवेश बनाने के लिए समर्पित है जहाँ किशोर आगे बढ़ सकें, सोच-समझकर निर्णय ले सकें और समाज में सार्थक योगदान दे सकें।”
उन्होंने कहा कि सरकार किशोरों की प्रतिभाओं को पोषित करने, उनकी महत्वाकांक्षाओं में सहयोग करने और सभी के लिए एक उज्जवल, समावेशी भविष्य बनाने के लिए उन्हें सशक्त करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है। उन्होंने कहा कि भारत में किशोरों की आबादी दुनिया में सबसे ज़्यादा 25 करोड 30 लाख है। किशोर भविष्य की रीढ़ हैं, जो एक जीवंत और प्रगतिशील राष्ट्र के वादे को साकार करते हैं।
केंद्रीय सचिव ने कहा कि किशोरों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तीकरण को सुनिश्चित करना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें स्थायी विकास लक्ष्य शामिल हैं। सरकार एक ऐसा माहौल बनाने के लिए समर्पित है जहाँ किशोर आगे बढ़ सकें, सोच-समझकर निर्णय ले सकें और समाज में सार्थक योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) शुरू करने वाला पहला देश है, जो किशोरों – पुरुष और महिला, ग् ीण और शहरी, विवाहित और अविवाहित, स्कूल जाने वाले और स्कूल न जाने वाले किशोरों तक पहुँचने के लिए एक समर्पित कार्यक्रम है। इसमें उपेक्षितों और वंचितों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
श्री चंद्रा ने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने की योजना किशोरियों पर जागरूकता बढ़ाने और स्वच्छता प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने पर केन्द्रित है।
सत्या,
कड़वा सत्य