पुणे 03 मई (कड़वा सत्य) पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष दीपक मोहंती ने कहा है कि एक मजबूत सेवानिवृत्ति कोष के निर्माण के लिए केवल एक सामाजिक सुरक्षा योजना पर निर्भर रहना नाकाफी है।
श्री मोहंती ने आज यहां कॉर्पोरेट के साथ सेवानिवृत्ति योजना पर आयोजित गोलमेज सम्मेलन में वृद्ध समाज और बढ़ती जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) से जुड़े जरूरी मुद्दों पर पर भी रोशनी डाली। श्री मोहंती ने कहा कि एक मजबूत सेवानिवृत्ति कोष के निर्माण के लिए केवल एक सामाजिक सुरक्षा योजना पर निर्भर रहना नाकाफी है।
उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) द्वारा दी जाने वाली दक्षता, पारदर्शिता और रिटर्न के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनका कहना था कि कॉरपोरेट्स से एनपीएस को अपनाने पर विचार करने के लिए आग्रह किया जा रहा है, ताकि कर्मचारियों को एनपीएस में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके। साथ ही कॉरपोरेट्स में एनपीएस की लागू होने की दर बढ़ाने के लिए उन्हें शिक्षित और प्रेरित किया जा सके।
एनपीएस 1 जनवरी 2004 या उसके बाद कार्यबल में शामिल होने वाले केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए शुरू की गई थी। कई राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों ने भी अपने नए कर्मचारियों के लिए एनपीएस को अपनाया। एनपीएस 1 मई 2009 से स्वैच्छिक आधार पर सभी नागरिकों के लिए खोल दी गई। इसमें कॉर्पोरेट क्षेत्र के लोग भी शामिल किए गए हैं। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए अटल पेंशन योजना (एपीवाई) 1 जून 2015 को शुरू की गई थी। 27 अप्रैल, 2024 तक, एनपीएस और एपीवाई के कुल सब्सक्राइबर 7.38 करोड़ से अधिक हो गए थे। प्रबंधित कुल संपत्ति (एयूएम) 11.80 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। अब कॉरपोरेट सहित समूचे निजी क्षेत्र में एनपीएस के सदस्यों की संख्या 55 लाख से अधिक है।
शेखर
कड़वा सत्य