चंडीगढ़, 24 मई (कड़वा सत्य) कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा संसद जय रमेश ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जानना चाहा कि क्या वह कभी किसानों से माफी माँगेंगे?
उन्होंने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “किसान विरोधी” भाजपा जब कोविड-19 महामारी के बीच तीन काले कृषि कानून लायी, पंजाब-हरियाणा समेत देश के किसानों के सामने आंदोलन के सिवा कोई चारा नहीं रहा। उन्होंने कड़कड़ाती ठंड, महामारी के बीच दिल्ली पुलिस की हिंसा के बीच महीनों आंदोलन किया कि उनकी आवाज “अहंकारी” प्रधानमंत्री तक पहुंचे। इस दौरान भाजपा की दुष्प्रचार मशीन प्रदर्शनकारी किसानों को “नक्सली”, “खालिस्तानी” और “देशद्रोही” करार देती रही।
जिन किसानों ने राष्ट्र की भोजन की जरूरतें पूरी करने के लिये हमेशा कड़ी मेहनत की है, जिन्होंने अपने बच्चों को देश की सीमाओं पर भेजा, प्रधानमंत्री क्या कभी उन किसानों से माफी मांगेंगे कि उन्हें बदनाम किया गया और देश के प्रति उनकी निष्ठा पर सवाल उठाया गया।
श्री रमेश ने जोर देकर कहा कि लोकसभा चुनाव के लिये मतदान के पहले दो चरणों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा दक्षिण में साफ है और उत्तर में हाफ।
उन्होंने कहा कि काँग्रेस पाँच न्याय और 25 गारंटियों के साथ चुनाव लड़ रही है और किसानों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून और कर्ज माफी प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार ने किसानों का 72000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था, लेकिन पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने एक रुपया माफ नहीं किया जबकि अपने पूंजीपति मित्रों के 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये प्रतिदिन की जायेगी और शिक्षित युवाओं को एक लाख रुपये की अप्रेंटिसशिप दी जायेगी।
महेश.श्रवण
कड़वा सत्य