नयी दिल्ली 07 फ़रवरी (कड़वा सत्य) क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुये यूथ फॉर क्वालिटी भारत फेस्टिवल (वाईक्यूबीएफ) का यहाँ भारत मंडपम में आयोजन किया।
इस आयोजन का महत्वपूर्ण कार्यक्रम गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है और क्वॉलिटी भारत मिशन का एक अभिन्न अंग है। इस मिशन का उद्देश्य ‘क्वालिटी भारत, विकसित भारत’ को बढ़ावा देना है।
इस उत्सव में भारत के कई प्रमुख हस्तियाँ उपस्थित रहे। भारत सरकार की ओर से माननीय केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और मंच पर अपने सम्बोधन के माध्यम से अमूल्य जानकारी साझा की।
उनके साथ माननीय केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण एवं युवा मामले एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, प्रसिद्ध भारतीय ओलंपिक मुक्केबाज एवं पूर्व संसद सदस्य एमसी मैरी कॉम, मोटिवेशनल स्पीकर विजेंद्र चौहान, प्रसिद्ध राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कोरियोग्राफर और डांसर गणेश आचार्य भी उपस्थित थे।
इस महोत्सव ने दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली टेक्नीकल यूनिवर्सिटी और एमिटी यूनिवर्सिटी जैसे यूनिवर्सिटीज के 3,000 से ज्यादा छात्रों को गुणवत्ता (क्वालिटी) का जश्न मनाने और उन्हें भविष्य में भारत का परिवर्तनकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने गुणवत्ता गुरुकुल सहित अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से देश के युवाओं को सशक्त बनाने में क्यूसीआई के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा, “यूथ फॉर क्वालिटी भारत मिशन में बदलाव लाने की जबरदस्त संभावनाएं हैं। यह मिशन सिर्फ सशक्तिकरण के बारे में नहीं है, बल्कि पूरे भारत में गुणवत्तापूर्ण क्रांति की ज्वाला जलाने के लिए युवाओं को प्रेरित करना है।”
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन श्री जक्षय शाह ने कहा,“क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया भारत में जीवन के सभी पहलुओं में क्वालिटी (गुणवत्ता) को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि युवा भारत को विकसित भारत बनाने में महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है। यूथ फॉर क्वालिटी भारत मिशन जैसी पहल के माध्यम से उनकी ऊर्जा को क्वालिटी बढ़ाने वाले प्रयासों में लगाना महत्वपूर्ण है। हमारा उद्देश्य हमारे देश के प्रत्येक नागरिक के डीएनए में गुणवत्ता की संस्कृति पैदा करना है।”
समीक्षा.संजय