बेंगलुरु, 16 मार्च (कड़वा सत्य) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराने के चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की और चुनाव प्रक्रिया से देश में विकास कार्य लंबे समय तक रुकने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 70-80 दिनों तक चलने वाले ऐसे व्यापक चुनावी चरण और आदर्श आचार संहिता कारण प्रगति और विकास कार्य प्रभावित होंगे।
श्री खड़गे ने अधिक सुव्यवस्थित चुनावी प्रक्रिया की वकालत करते हुए सुझाव दिया कि बेहतर प्रगति एवं विकास के लिए तीन या चार चरणों में चुनाव पूरे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव तीन या चार चरणों में पूरे हो सकते थे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से सभी दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए चुनावी प्रक्रिया की निगरानी में निष्पक्ष रूप से कार्य करने का भी आग्रह किया। संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में, राज्यसभा सांसद ने भाजपा के संभावित हमलों पर में चिंता व्यक्त की और चुनाव आयोग से चुनावी प्रक्रिया की निगरानी में निष्पक्ष रूप से कार्य करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि ये नियमित परामर्श हैं लेकिन इन परामर्शों के बावजूद, हम देखेंगे कि भाजपा के लोग और नेता कैसे काम करेंगे और वे अन्य विपक्षी दलों पर कैसे हमला करेंगे और स्वाभाविक रूप से, दूसरे भी कुछ हद तक ऐसा कर सकते हैं लेकिन फिर भी हमें देखना चाहिए कि क्या होता है। श्री खड़गे ने निष्पक्षता बनाए रखने और सभी पक्षों के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित करने के महत्व पर भी बल दिया, जिससे देश को मदद मिले और लोकतंत्र की वास्तविक भावना कायम रहे।
इस बीच, कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेसी नेता प्रियांक खड़गे ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आख्यान के पक्ष में लगता है।
उन्होंने सात चरणों की लंबी चुनावी प्रक्रिया की ओर इशारा किया, इसकी तुलना महाराष्ट्र के पांच चरणों के चुनाव से की, और कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा को अपने स्टार प्रचारक को पूरे देश में यात्रा करने के लिए ज्यादा समय देकर लाभान्वित करती है।
उन्होंने कहा कि हालांकि चुनाव आयोग ने कहा है कि ये चुनावी चरण सैनिकों की आवाजाही, भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया गया है लेकिन यह पहली बार नहीं है जब देश इतने बड़े पैमाने पर चुनाव होने जा रहे हैं।
अपनी चिंताओं के बावजूद, प्रियांक खड़गे ने स्वीकार किया कि चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करने के अलावा कोई चारा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते हैं और हमें चुनाव आयोग के घोषणा के अनुसार ही चलना होगा।’
इससे पहले, चुनाव आयोग ने कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव की घोषणा की थी। दक्षिण कर्नाटक की 14 सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि शेष 14 सीटों पर तीसरे चरण में 07 मई को मतदान होगा।
2019 के चुनाव में भाजपा ने कर्नाटक की 28 में से 25 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस, जनता दल (सेक्युलर) और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक सीट प्राप्त की थी।
दिलचस्प बात यह है कि जेडीएस, जो पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन में थी, ने अब भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया है। समझौते के अंतर्गत जेडीएस कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि भाजपा 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
अभय