नयी दिल्ली, 19 जून (कड़वा सत्य)कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा बीआर अंबेडकर की मूर्तियों को पुरानी जगह पर स्थापित करने की मांग करते हुए बुधवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा और कहा कि सरकार की इस मनमानी से लोकतंत्र की भावनओं को ठेस पहुंची है।
श्री खड़गे ने कहा कि राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियां लम्बे विचार विमर्श तथा बहुत सोच विचार के बाद पुराने संसद भवन के सामने स्थापित की गई थी। उनका कहना था कि संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता की ध्यान वाली मूर्ति बहुत सोच विचार के बाद दो अक्टूबर 1993 को स्थापित की गई थी। इस मूर्ति के सामने सांसद लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध भी व्यक्त करते थे।
श्री खड़गे बताया कि डॉ. अम्बेदकर की मूर्ति तो इससे कई साल पहले संसद भवन में परिसर में स्थापित की गई थी। उनका कहना था कि इस मूर्ति को भी उनकी जयंती तथा निर्वाण दिवस पर आयोजित समारोह में शामिल होने वाले लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दो अप्रैल 1967 को संसद भवन परिसर में स्थापित किया गया था।
गौरतलब है कि श्री धनखड़ ने तीन दिन पहले संसद परिसर में बने प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया जिसमें राष्ट्रीय प्रतीकों, स्वतंत्रता सेनानियों तथा राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियां एक साथ रखी गई हैं। पहले यह मूर्तियां और प्रतीक संसद भवन परिसर में अलग-अलग जगहों पर रखी हुई थीं।
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