नयी दिल्ली 22 जनवरी (कड़वा सत्य) केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गैर-निवासी क्रूज शिप संचालकों के लिए प्रकल्पित कराधान व्यवस्था की प्रभावी बनाने के उद्देश्य से शर्तें निर्धारित करने के लिए आयकर अधिनियम, 1962 में संशोधन को अधिसूचित किया है।
निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने के उपाय के रूप में, वित्त अधिनियम, 2024 ने अन्य बातों के साथ-साथ क्रूज जहाजों के संचालन के व्यवसाय में लगे गैर-निवासियों के लिए एक प्रकल्पित कराधान व्यवस्था प्रदान की गयी। इसके अलावा, किसी विदेशी कंपनी को क्रूज जहाजों के पट्टे के किराये से किसी संबंधित कंपनी से प्राप्त किसी भी आय के लिए छूट प्रदान की गई है जो भारत में ऐसे जहाज या जहाजों का संचालन करती है। इस प्रकल्पित कराधान व्यवस्था की प्रभावशीलता निर्धारित शर्तों के अधीन है।
क्रूज जहाजों के संचालन के व्यवसाय में लगे गैर निवासी के लिए निर्धारित शर्तों में यह प्रावधान है कि ऐसे लोगों को
200 से अधिक यात्रियों की वहन क्षमता या 75 मीटर या उससे अधिक की लंबाई वाले यात्री जहाज को अवकाश और मनोरंजन के उद्देश्य से चलाना होगा और यात्रियों के लिए उपयुक्त भोजन और केबिन की सुविधा होगी। ऐसे जहाज को अनुसूचित यात्रा या तटीय भ्रमण पर चलाना होगा जो भारत के कम से कम दो समुद्री बंदरगाहों या भारत के एक ही समुद्री बंदरगाह को दो बार छूता हो। ऐसे जहाज को मुख्य रूप से यात्रियों को ले जाने के लिए चलाना होगा न कि माल ले जाने के लिए और ऐसे जहाज को पर्यटन मंत्रालय या शिपिंग मंत्रालय द्वारा जारी प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों के अनुसार चलाना होगा।
शेखर
कड़वा सत्य