नयी दिल्ली, 09 सितम्बर (कड़वा सत्य) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को विश्वास जताया कि भारत का ऑटो कंपोनेंट क्षेत्र 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हांसिल कर लेगा और यह क्षेत्र रोजगार देने वाले प्रमुख क्षेत्रों में शामिल होगा।
श्री गोयल राजधानी में ऑटोमोटिव कंपोनेंट विनिर्माताओं के मंच एकमा के 64वें वार्षिक सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिसाब से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और देश का वाहन- कलपुर्जा बनाने वाला क्षेत्र दुनिया में इस समय भी तीसरे नंबर पर है और इसे विश्व में पहला स्थान हासिल करने का प्रयास करना चाहिये। उन्होंने इस क्षेत्र के उद्यमियों को यह लक्ष्य हासिल करने के लिये एक वृहद् योजना निर्धारित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को तकनीकों में सुधार के साथ-साथ सहज ढंग से अपना विस्तार करने का प्रयास करना चाहिये और दुनिया के अन्य कंपनियों के साथ जुड़ना चाहिये।
श्री गोयल ने ऑटो कंपोनेंट उद्योग को अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) कार्य पर अधिक ध्यान देने का आग्रह करते हुये कहा कि उन्हें सरकार द्वारा स्थापित किये जा रहे एक लाख करोड़ रुपये के कोष एएनआरए (राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान) का लाभ चाहिये और वाहन निर्माण क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों के साथ निजी सरकारी भागीदारी में सहयोग करना
चाहिये।
श्री गोयल ने कहा कि भारत का ऑटो सेक्टर विदेशों से निवेश आकर्षित करने के लिये तैयार है और उद्योग ईएफटीए देशों से निवेश की संभावना तलाश सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को नये जमाने की प्रौद्योगिकियों जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और इससे संबंधित पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ साइकिल क्षेत्र जैसे अन्य उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिये तैयार रहना चाहिये।
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