• About us
  • Contact us
Friday, September 5, 2025
27 °c
New Delhi
31 ° Sat
31 ° Sun
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home देश

चाइल्ड पोर्नोग्राफी रखना, देखना अपराध: सुप्रीम कोर्ट

News Desk by News Desk
September 24, 2024
in देश
चाइल्ड पोर्नोग्राफी रखना, देखना अपराध: सुप्रीम कोर्ट
Share on FacebookShare on Twitter

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (कड़वा सत्य) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को अपने एक ‘ऐतिहासिक फैसले’ में कहा कि बच्चों के साथ यौन-क्रिया के स्पष्ट चित्रण और उनसे संबंधित अपमानजनक सामग्री को रखना या देखना अपराध माना जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पार्दीवाला की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन अलायंस’ की अपील और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के हस्तक्षेप पर इस विषय में मद्रास उच्च न्यायालय के एक फैसले को पलटते हुए नये दिशा निर्देश जारी किए हैं।
पीठ ने कहा कि बच्चों के साथ यौन-क्रिया के स्पष्ट चित्रण और उनसे संबंधित अपमानजनक सामग्री को रखना या देखना अपराध यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम यानी पोक्सो कानून के अलावा सूचना एवं तकनीकी कानून के तहत अपराध माना जाएगा।
पीठ ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को ‘बाल पोर्नोग्राफी’ शब्द की जगह संशोधित शब्दावली- ‘बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री’ रखने के लिए जरूरी प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए हैं।
पीठ ने कहा है,“संसद को ऐसे अपराधों की वास्तविकता को अधिक सटीक रूप से दर्शाने के उद्देश्य से ‘बाल पोर्नोग्राफ़ी’ शब्दावली को ‘बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री’ शब्दावली से प्रतिस्थापित करने के उद्देश्य से पोक्सो में संशोधन लाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।”
पीठ ने यह भी कहा कि इस संशोधन के लिए फिलहाल सरकार अध्यादेश जारी कर सकती है।
शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही देश में यौन शिक्षा कार्यक्रमों को व्यापक रूप लागू करने का भी सुझाव दिया, जिसमें नाबालिगों के साथ रतिक्रिया के चित्रण के कानूनी और नैतिक नतीजों की भी जानकारी शामिल की जाए।
पीठ को उम्मीद है कि इससे संभावित अपराधों को रोकने में मदद मिल सकती है। यौन शिक्षा जैसे कार्यक्रमों के संबंध में जनसामान्य के बीच भ् क सोच को दूर किया जाना चाहिए और युवाओं को यौन सहमति और यौन शोषण के प्रभाव की स्पष्ट समझ करायी जानी चाहिए।
पीठ ने केंद्र सरकार को एक विशेषज्ञ समिति के गठन पर विचार करने के सुझाव का भी समर्थन किया है, जो स्वास्थ्य और यौन शिक्षा के लिए एक व्यापक कार्यक्रम या तंत्र तैयार करने की सिफारिश कर सकती है।
अदालत ने पूरे देश में बच्चों को कम उम्र से ही पोक्सो के बारे में जागरूक बनाने पर जोर दिया है ताकि बाल संरक्षण, शिक्षा और यौन कल्याण के लिए एक मजबूत और सुविचारित दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके।
शीर्ष अदालत ने यह भी माना है कि सोशल मीडिया मंच सरकार या उसकी एजेंसियों द्वारा समुचित रूप से बाल यौन सामग्री के रूप में अधिसूचित आपत्ति जनक समग्री को, साक्ष्य को अप्रभावित रखते हुए अपने मंच से शीघ्रता पूर्वक नहीं हटाते हैं तो ऐसे मंचों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत दी गई सुरक्षा का लाभ नहीं मिलेगा।
ऐसे मंचों द्वारा नियंत्रित कंप्यूटर संसाधन में मौजूद या उससे जुड़ी किसी भी सूचना, डेटा या संचार लिंक का उपयोग गैरकानूनी कार्य करने के लिए किया जा रहा है तो भी उन्हें आईटी अधिनियम की उपरोक्त धारा का संरक्षण नहीं मिलेगा।
गौरतलब है कि मद्रास उच्च न्यायालय के 11 जनवरी 2024 के अपने फैसले में एस हरीश नाम के एक आरोपित व्यक्ति के खिलाफ दायर एक प्राथमिकी और आरोप पत्र को खारिज कर दिया था। प्राथमिकी में आरोप था कि हरीश को अपने मोबाइल फोन पर बच्चों के शोषण से संबंधित और अपमानजनक सामग्री देखते हुए पाया गया था।
उच्च न्यायालय ने माना था कि यद्यपि यौन गतिविधि में लिप्त बच्चों को दिखाने वाले दो वीडियो आरोपी के मोबाइल फोन में डाउनलोड और संग्रहीत पाए गए थे और यह मानते हुए कि उसने वही देखा था, फिर भी यह पोक्सो की धारा 14 (1) के तहत अपराध नहीं बनता।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि बिना किसी प्रसारण या प्रकाशन के बाल पोर्नोग्राफी को देखना या डाउनलोड करना आईटी अधिनियम की धारा 67 बी के दायरे में नहीं आता है।
एनजीओ जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन अलायंस ने उच्च न्यायालय के इस फैसले की वैधता को चुनौती दी थी। उसकी ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फुल्का ने अदालत में खड़े थे। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता स्वरूपमा चतुर्वेदी ने हस्तक्षेप किया ।
शीर्ष की पीठ ने कहा कि पोक्सो की धारा 15 में तीन अलग-अलग अपराधों का प्रावधान है, जो उपधारा (1), (2) या (3) के तहत निर्दिष्ट किसी विशेष इरादे से बाल यौन सामग्री के भंडारण या कब्जे में रखने को दंडनीय अपराध माने गए हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि पुलिस और अदालतें किसी भी बाल पोर्नोग्राफ़ी के भंडारण या उसके कब्जे से जुड़े किसी भी मामले की जांच करते समय पाती हैं कि उसमें धारा 15 की कोई विशेष उप-धारा लागू नहीं होती है, तो उन्हें इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए कि पोक्सो की धारा 15 के तहत कोई अपराध नहीं बनता है।
अदालत ने कहा है कि ऐसे मामले में उन्हें यह पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि क्या वह मामला पोक्सों की किन्हीं अन्य उप-धाराओं के अंतर्गत आता है या नहीं।
अपने निर्णय में पीठ ने कहा है कि यौन क्रिया के किसी भी स्पष्ट कृत्य का के चित्रण को कोई विवेकशील व्यक्ति यदि प्रथम दृष्टया मनता है कि उसमें किसी बच्चे को दर्शाता है या उसमें कोई बच्चा शामिल है, उसे ‘बाल पोर्नोग्राफी’ माना जाएगा।
शीर्ष अदालत ने कहा है कि ऐसी सामग्री के बारे में संतुष्टि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला रिपोर्ट या संबंधित सामग्री पर किसी विशेषज्ञ की राय या न्यायालयों द्वारा स्वयं ऐसी सामग्री के मूल्यांकन से प्राप्त की जा सकती है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 67बी एक व्यापक प्रावधान है, जिसे बच्चों के ऑनलाइन शोषण और दुर्व्यवहार के विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक रूपों को देखने और दंडित करने के लिए तैयार किया गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा,“यह (धारा) न केवल बाल पोर्नोग्राफ़िक सामग्री के इलेक्ट्रॉनिक प्रसार को दंडित करती है, बल्कि ऐसी सामग्री के निर्माण, कब्जे (अपने पास रखने), प्रचार और उपभोग के साथ-साथ ऑनलाइन यौन अपमान और बच्चों की कम उम्र के शोषण के विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष कृत्यों को भी दंडित करती है।”
पीठ ने कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 67, 67ए और 67बी क्रमशः एक पूर्ण संहिता हैं। इन धाराओं की व्याख्या ऐसे उद्देश्यपूर्ण तरीके से की जानी चाहिए जिससे शरारतों पर रोक लगे तथा बच्चों से संबंधित विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों तथा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के माध्यम से अश्लील या अश्लील सामग्री के उपयोग को दंडित करने के विधायी उद्येश्य और प्रावधान बेकार न हो।
‘बाल पोर्नोग्राफ़ी’ शब्द के उपयोग के संबंध में अदालत ने यह महसूस किया कि इस शब्दावली का प्रयोग अपराध को गौण बना सकता है, क्योंकि पोर्नोग्राफ़ी को अक्सर वयस्कों के बीच सहमति से किया गया कार्य माना जाता है। अदालत की राय में इस शब्दावली किसी की पीड़ा की भावना को कमज़ोर करने वाली है।
न्यायालय का मानना है कि इस पोक्सो में बच्चों के साथ यौन शोषण और दुर्व्यवहार के लिए ‘बाल पोर्नोग्राफी’ की जगह ‘बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री’ (सीएसईएएम) सही होगा।
याचिकाकर्ता संगठन के संस्थापक भुवन रिभु ने फैसले के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रतिक्रिया की। उन्होंने कहा कि भारत ने एक बार फिर बच्चों को इस अंतरराष्ट्रीय और संगठित अपराध से बचाने और उनकी सुरक्षा के लिए रूपरेखा तैयार करके वैश्विक स्तर पर मार्ग प्रशस्त किया है।
स्वयंसेवी संस्था जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस (जेआरसीए) के संस्थापक श्री रिभु ने कहा,“भारत ने एक बार फिर बच्चों को इस अंतरराष्ट्रीय और संगठित अपराध से बचाने और उनकी सुरक्षा के लिए रूपरेखा तैयार करके वैश्विक स्तर पर मार्ग प्रशस्त किया है।”
 . 
कड़वा सत्य

Tags: New DelhiSupreme Courtअपमानजनकअपराधउच्चतम न्यायालयउनसे संबंधितनयी दिल्लीबच्चोंमाना जाएगायौन-क्रियारखना या देखनासाथसामग्रीस्पष्ट चित्रण‘ऐतिहासिक फैसले’
Previous Post

खंडेलवाल ने शेखावत से की लाल किले पर ‘यातना संग्रहालय’ बनाने की मांग

Next Post

जापान में भूकंप के तेज झटके, सुनामी की चेतावनी जारी

Related Posts

SC का बड़ा फैसला: शिक्षक सेवा और प्रमोशन के लिए अब अनिवार्य होगा TET, जानें किसे मिली राहत
देश

SC का बड़ा फैसला: शिक्षक सेवा और प्रमोशन के लिए अब अनिवार्य होगा TET, जानें किसे मिली राहत

September 2, 2025
Breaking News: सरकारी एम एस एम ई पत्रिका बनी गलतियों का पिटारा! प्रधानमंत्री की तस्वीर से मजाक !
देश

Breaking news: एम एस एम ई मंत्रालय की पत्रिका ने राष्ट्रपति को भी हंसी का पात्र बनाया !

August 27, 2025
Aadhaar-UAN Link: EPFO ने किया प्रोसेस बेहद आसान, अब 7 स्टेप में तुरंत होगा काम
अभी-अभी

Aadhaar-UAN Link: EPFO ने किया प्रोसेस बेहद आसान, अब 7 स्टेप में तुरंत होगा काम

August 17, 2025
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का बड़ा आरोप, ‘अगर न्याय नहीं मिला तो मर जाएगा लोकतंत्र’, सुप्रीम कोर्ट से की यह अपील
देश

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का बड़ा आरोप, ‘अगर न्याय नहीं मिला तो मर जाएगा लोकतंत्र’, सुप्रीम कोर्ट से की यह अपील

August 14, 2025
ट्रंप का बड़ा वार: भारत पर 50% टैरिफ! रूस से तेल खरीद पर अमेरिका ने उठाया सख्त कदम, सरकार बोली- लेंगे जवाबी एक्शन
अभी-अभी

ट्रंप का बड़ा वार: भारत पर 50% टैरिफ! रूस से तेल खरीद पर अमेरिका ने उठाया सख्त कदम, सरकार बोली- लेंगे जवाबी एक्शन

August 6, 2025
Petrol Diesel Price Today: हर सुबह बदलते हैं तेल के दाम, जानिए आज आपके शहर में कितने का मिल रहा पेट्रोल-डीजल
देश

Petrol Diesel Price Today: हर सुबह बदलते हैं तेल के दाम, जानिए आज आपके शहर में कितने का मिल रहा पेट्रोल-डीजल

July 28, 2025
Next Post
जापान में भूकंप के तेज झटके, सुनामी की चेतावनी जारी

जापान में भूकंप के तेज झटके, सुनामी की चेतावनी जारी

New Delhi, India
Friday, September 5, 2025
Mist
27 ° c
89%
11.9mh
34 c 27 c
Sat
35 c 28 c
Sun

ताजा खबर

जोधपुर में RSS की समन्वय बैठक: जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर होगा मंथन

जोधपुर में RSS की समन्वय बैठक: जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर होगा मंथन

September 4, 2025
Bihar News: पुनपुन नदी पर बना बिहार का पहला केबल ब्रिज, लक्ष्मण झूला जैसा होगा नजारा

Bihar News: पुनपुन नदी पर बना बिहार का पहला केबल ब्रिज, लक्ष्मण झूला जैसा होगा नजारा

September 4, 2025
बिहार में पूजा-जुलूस पर नया आदेश: डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध, लाइसेंस अनिवार्य – जानें पूरी गाइडलाइन

बिहार में पूजा-जुलूस पर नया आदेश: डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध, लाइसेंस अनिवार्य – जानें पूरी गाइडलाइन

September 4, 2025
Bihar Development Update: समय पर काम नहीं शुरू करने पर होगी जमानत जब्त और ब्लैकलिस्टिंग, तय की डेडलाइन– विभाग की चेतावनी

Bihar Development Update: समय पर काम नहीं शुरू करने पर होगी जमानत जब्त और ब्लैकलिस्टिंग, तय की डेडलाइन– विभाग की चेतावनी

September 4, 2025
Asia Cup 2025: भारत-कोरिया का रोमांचक मुकाबला 2-2 से ड्रॉ, हार्दिक और मनदीप ने दागे गोल

Asia Cup 2025: भारत-कोरिया का रोमांचक मुकाबला 2-2 से ड्रॉ, हार्दिक और मनदीप ने दागे गोल

September 4, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved