नयी दिल्ली, 17 जनवरी (कड़वा सत्य) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात के बाद बुधवार को कहा कि उत्तराखंड में तेजी से औद्योगिक विकास हो रहा है जिसके कारण ऊर्जा खपत भी बढ़ गई है इसलिए राज्य में 12.50 करोड़ टन क्षमता की कोयला भंडारण सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने जो औद्योगिक नीति अपनाई है उससे स्थिति बदली है और अनुकूल माहौल बन गया है जिसके कारण राज्य का द्रुत गति से औद्योगिक विकास हो रहा है। बदले माहौल से विद्युत मांग भी निरन्तर वृद्वि हो रही है। सर्दियों में ठंडे तापमान के कारण नदियों में पानी का बहाव कम हो जाता है और बिजली की कमी गंभीर हो जाती है।
उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की मांग प्रतिवर्ष लगभग 4 से 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और लीन सीजन में प्रतिदिन लगभग 4 से 5 मियू की औसत कमी होती है। औद्यौगिकीरण बढने के कारण आने वाले वर्षों में विद्युत की मांग और बढने की सम्भावना है।
श्री धामी ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय की संस्तुति के मद्देनजर राज्य में विद्युत परियोजनाओं के विकास को गति देने के लिए राज्य सरकार के उपक्रम यूजेवीएन लिमिटेड और टीएचडीसी इण्डिया लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उपक्रम टीएचडीसीआईएल-यूजेवीएनएल एनर्जी कम्पनी लिमीटेड का गठन किया गया है। टीएचडीसी इण्डिया लि. की तापीय विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में भी अनुभव को ध्यान में रखते हुए राज्य की विद्युत मांग की आपूर्ति के लिए इस नए संयुक्त उपक्रम के माध्यम से एक पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य उन कुछ राज्य में से एक है जहां कोई भी थर्मल पावर स्टेशन संचालित नहीं है इसलिए राज्य को एक कोल ब्लॉक का आवंटन प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने उनके अनुरोध पर विशेष ध्यान देते हुए आश्वासन दिया कि वह स्थिति को देखते हुए यथासंभव इस मामले में सहयोग करेंगे।
अभिनव.संजय