वाशिंगटन, 05 फरवरी (कड़वा सत्य) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर तथाकथित अधिकतम दबाव अभियान बहाल करने के लिए मंगलवार को एक कार्यकारी कार्रवाई की, जिसका उद्देश्य उसे (ईरान को) परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकना है।
श्री ट्रंप ने ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उन्होंने यह कदम कुछ हिचकिचाते हुए उठाया है और उन्हें उम्मीद है कि यह उपाय ईरान के साथ एक बातचीत के माध्यम से समझौते की ओर ले जाएगा। इस दौरान वह एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर रहे थे, जिसकी वास्तविक सामग्री और प्रारूप व्हाइट हाउस ने अभी तक सार्वजनिक नहीं की है।
श्री ट्रंप ने कहा, “यह वह बात है जिससे मैं परेशान हूं। हर कोई चाहता है कि मैं इस पर हस्ताक्षर करूं। मैं ऐसा करूंगा। यह ईरान के लिए बहुत सख्त है। हम देखेंगे कि हम ईरान के साथ कोई समझौता कर सकते हैं या नहीं।”
राष्ट्रपति ने आगे कहा, “इसलिए मैं इस पर हस्ताक्षर कर रहा हूं और मैं इसे करने से नाखुश हूं, लेकिन वास्तव में मेरे पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं क्योंकि हमें मजबूत और दृढ़ रहना होगा। मेरा मतलब है, हम यह देखने जा रहे हैं कि मेरे पद पर रहते हुए उनके पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते। यह बहुत सरल है। ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता।”
व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात से कुछ समय पहले श्री ट्रंप ने यह कार्रवाई की, वाशिंगटन यात्रा के दौरान उनका एक लक्ष्य ट्रंप प्रशासन से ईरान पर अधिक दबाव बनाने के लिए कहना है।
बाद में, ओवल कार्यालय में श्री नेतन्याहू के साथ बैठे श्री ट्रंप ने मीडिया द्वारा ईरान संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए दावा किया कि जब उनका पहला कार्यकाल समाप्त हुआ तो ईरान बड़ी मुसीबत में था, लेकिन जो बाइडेन प्रशासन द्वारा विफल मध्य पूर्व नीति के कारण वह अभी बहुत मजबूत हो गया है।
श्री ट्रंप ने कहा, “हम उन्हें परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं देंगे। यह बहुत सरल है। आप जानते हैं, मैंने एक बहुत मजबूत उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किया है।”
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