किंशासा, 10 जनवरी (कड़वा सत्य) डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो की संवैधानिक अदालत ने गत 20 दिसंबर के चुनाव के बाद राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसीकेदी के फिर से चुने जाने की आधिकारिक पुष्टि कर दी।
अदालत की घोषणा के अनुसार त्सेसीकेदी को 73.47 प्रतिशत वोट मिले, जबकि मुख्य विपक्षी उम्मीदवार मोइसे कटुम्बी 18.08 प्रतिशत के साथ पीछे रहे।
संवैधानिक न्यायालय ने याकोमा (नॉर्ड-उबांगी प्रांत में) और मासिमनिम्बा (क्विलु प्रांत में) के निर्वाचन क्षेत्रों में राष्ट्रपति चुनाव के लिए डाले गए मतपत्रों को रद्द कर दिया। इन क्षेत्रों में अनियमितता के मामले सामने आए थे।
स्वतंत्र राष्ट्रीय चुनाव आयोग (सीईएनआई) चुनावी निकाय ने कहा कि कुल 04 करोड़ 40 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से 1 करोड़ 80 लाख से अधिक कांगोवासियों ने राष्ट्रपति, नेशनल असेंबली और 26 प्रांतीय विधानसभाओं के चुनावों में अपने मत डाले।
विपक्षी उम्मीदवारों ने अनियमितताओं के आरोप लगाये जाने के कारण हालाँकि यह चुनाव प्रक्रिया विवाद रहित नहीं थी। इसके बारे में चुनाव आयोग ने कहा था कि इससे चुनाव परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सीईएनआई ने कहा कि पिछले हफ्ते, राष्ट्रीय और प्रांतीय विधायी चुनावों में 82 उम्मीदवारों को धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, चुनावी सामग्रियों की बर्बरता, हिंसा भड़काने या विद्युत मतदान उपकरणों को अवैध रूप से रखने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि यह 1960 में आजादी के बाद से देश के इतिहास में सत्ता का दूसरा शांतिपूर्ण हस्तांतरण था। त्सेसीकेदी 2018 में चुनाव जीतकर सत्ता में आए, जो बेल्जियम से आजादी के बाद देश का पहला शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण था।
संवैधानिक न्यायालय द्वारा चुनाव परिणामों को मंजूरी दिए जाने के बाद 20 जनवरी को निर्वाचित राष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाएगी।
सैनी डेस्क
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