• About us
  • Contact us
Thursday, October 9, 2025
27 °c
New Delhi
27 ° Fri
28 ° Sat
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home देश

‘तालिबान की तर्ज पर जमाते इस्लामी से भी रिश्ते बनाये भारत’

News Desk by News Desk
September 4, 2024
in देश
‘तालिबान की तर्ज पर जमाते इस्लामी से भी रिश्ते बनाये भारत’
Share on FacebookShare on Twitter

नयी दिल्ली 04 सितंबर (कड़वा सत्य) भारत के बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि भारत ने बंगलादेश में श्रीमती शेख हसीना के कार्यकाल में पनप रही इस्लामिक कट्टरपंथी जमात के साथ भी उसी तरह से संपर्क बनाया होता जैसे अफगानिस्तान में तालिबान के साथ तो वहां तख्तापलट के बाद इतना कटु भारत विरोधी वातावरण नहीं बनता।
सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लुरलिज़्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) द्वारा तैयार बंगलादेश में अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहे जघन्य अत्याचारों को रेखांकित करती हुई एक रिपोर्ट के विमोचन अवसर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री स्वपन दासगुप्ता (पूर्व सांसद एवं विशिष्ठ पत्रकार) तथा विशिष्ट अतिथियों -श्री दीप हलधर (बीइंग हिंदू इन बंगलादेश के लेखक और पत्रकार) और श्री अभिजीत मजूमदार (प्रख्यात पत्रकार एवं लेखक) ने मौजूदा हालात की विवेचना करते हुए यह भी माना कि भारत सरकार को बंगलादेशी हिन्दुओं को अपना मानना चाहिये और उन्हें एक सशक्त समाज के रूप में संगठित होने में सक्रिय योगदान देना चाहिए। हिन्दू समाज को भी अपनी रक्षा के लिए सड़क की ताकत का साहस पूर्ण ढंग से इज़हार करना होगा।
श्री दासगुप्ता ने कहा कि 1947 में बंटवारे के बाद बने पूर्वी पाकिस्तान और 1971 के बाद बने बंगलादेश में हिन्दुओं के सफाये के लिए नियमित अंतराल पर लहर आती रही है। 1948, 1965, 1971, 1991 और अब करीब डेढ़ दशक से अधिक समय से रोहिंग्या घुसपैठ। बंगलादेश से भारत को एक प्रकार से ‘स्याही के सोख्ता’ के रूप में इस्तेमाल किया गया। वहां के हिन्दुओं ने भी 1971 के बाद सेकुलर सरकार के बनने के बाद संगठित रहने को लेकर उदासीनता बरती। शायद उन्हें लगता था कि भारत के साथ उनका एकाकार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बंगलादेश में हिन्दू परिवारों की ये स्थिति है कि यदि उनके परिवार की किसी महिला के साथ बलात्कार नहीं हुआ है तो उसे वे उपलब्धि मानते हैं।
उन्होंने कहा कि बंगलादेशी हिंदू अपने धर्म से अत्यधिक गहराई के साथ जुड़े हुए हैं। बंगलादेशी परिवारों ने बीमा के उद्देश्य से, अपने परिवार के कम से कम एक सदस्य को बंगलादेश के बाहर भेज रखा है। उन्होंने बताया की प्रारंभ में, पूर्व पाकिस्तान ने नेहरू युग में भारत का हिस्सा बनने की इच्छा व्यक्त की थी परंतु यह संभव न हो सका था। भारत में होने वाली किसी भी घटना के बंगलादेश में प्रभाव पड़ते हैं। उन्होंने कहा की हमारा सिस्टम ऐसा है कि हिंदू बिना दस्तावेजों के आते हैं, लेकिन जमात, मुसलमान, रोहिंग्या अपने साथ वोटर कार्ड और आधार कार्ड लेकर आते हैं। बंगलादेश की नीति है कि वह अपने बोझ को भारत पर डालने के लिए जनसंख्या को भारत की ओर धकेलता है। बंगलादेश जिंदाबाद खालिदा जिया के लोग हमेशा भारत के खिलाफ रहते हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीमती हसीना के तख्तापलट के बाद की स्थिति को लेकर हमें अहसास हुआ है कि भारत की ओर से राजनीतिक, खुफिया एवं सामाजिक रूप से अनेक गलतियां हुईं हैं। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त के बाद हिन्दुओं, बौद्धों, ईसाइयों पर जैसे हमले हुए हैं, वैसे 77 साल में कभी नहीं हुए। बंगलादेश में इस्लामीकरण अपनी सीमाओं के पार पहुंच गया है जो बहुत चिंताजनक है। हिंदू समुदाय के लिए महत्वपूर्ण रक्षक के रूप में कार्य कर रहे इस्कान एवं भारत सेवाश्रम संघ को भी निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बंगलादेश की जमाते इस्लामी भी वही है जो पश्चिम बंगाल में सक्रिय है और माल्दा मुर्शिदाबाद इलाके में हिन्दुओं के प्रति उनके काम करने का तरीका भी एक सा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार लालकिले से बंगलादेश के हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर लाइन ली है। उन्होंने कहा कि भारत ने हिन्दुओं को शरण देने की जगह ढाका में वीसा की सुविधा बंंद कर दी है। जबकि हमें मानना चाहिए कि ना केवल बंगलादेशी बल्कि पूरी दुनिया के हिन्दू हमारे हैं। उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह बंगलादेशी हिंदुओं के प्रति एक स्पष्ट संदेश भेजे कि वे व्यापक भारतीय परिवार का हिस्सा हैं और उन्हें ऐसे उत्पीड़न के सामने समर्थन और सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता को पहचानते हैं।
श्री अभिजीत मजूमदार ने कहा कि बंगलादेश की वर्तमान स्थिति भारत सरकार एवं भारतीय हिंदू समाज की विफलता का परिचायक है । उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बी.एन.पी एवं जमात के अलावा किसी तीसरे विकल्प के विषय में नही सोचा और इसी के फलस्वरूप संपूर्ण देश बिखर गया।
उन्होंने कहा कि भारत को बंगलादेश काे सेकुलर नहीं बल्कि एक इस्लामिक देश मान कर व्यवहार करना चाहिए। वहां सभी चैनलों को खुला रखना चाहिये था। जमाते इस्लामी के साथ भी यदि भारत का संवाद संपर्क का चैनल खुला होता तो स्थिति इतनी खराब नहीं होती और श्रीमती हसीना के हटने के बाद हायतौबा मचाने की जरूरत नहीं होती। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत ने तालिबान और अफगान सरकार दोनों के साथ मैत्री स्थापित की थी यदि बंगलादेश में भी अन्य विकल्पों पर ध्यान दिया गया होता तो परिस्थिति इतनी नकारात्मक नही होती। उन्होंने कहा “आखिरकार अफगानिस्तान में भारत की स्थिति आज इसीलिये मजबूत है क्योंकि हम तालिबान के साथ संवाद संपर्क और बेहतर ताल्लुकात बनाये रखने में सफल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भारत को यह भी समझना होगा कि बड़े बड़े देशों में भारत विश्वगुरू के तमगों से खुश होने की जगह पड़ोसी देशों की जमीनी हकीकतों का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सरकार ने बंगलादेश के हिन्दू समाज को संगठित एवं सशक्त बनाने के लिए कुछ नहीं किया। हमें समझना होगा कि जितनी शक्ति संगठित समाज से आती है, उतनी किसी सरकार से नहीं आती है। उन्होंने कहा कि बंगलादेश में साढ़े आठ प्रतिशत हिन्दू हैं और यूरोप में पांच प्रतिशत मुस्लिम हैं। जिस प्रकार से मुस्लिमों ने पूरे यूरोप को अपनी सड़क पर शक्ति प्रदर्शन की ताकत से डरा रखा है। क्या साढ़े आठ प्रतिशत हिन्दू सड़क पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करनेे के लिए संगठित और साहसी नहीं बन सकते। इसलिये हिन्दुओं को सड़क की ताकत प्राप्त करनी होगी।
श्री दीप हलधर ने कहा कि बंगलादेश के हिन्दू ‘इस्लामोट्रॉमा’ की स्थिति में हैं। बंगलादेश में मदरसा शिक्षा का मतलब ही हिन्दू विरोधी शिक्षा है। वहां हिन्दुओं के लिए बहुत ही कम विकल्प हैं। शेख हसीना सरकार के जाने के बाद वहां तेजी से भारत के प्रति नकारात्मक छवि बनाने का काम हो रहा है। उन्होंने बंगलादेश में अल्पसंख्यकों पर किए जाने वाले अत्याचारों की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि जो सुरक्षा शेख़ हसीना ने बंगलादेश में हिंदुओं को प्रदान की थी, वह अब समाप्त हो चुकी है। उनके शासनकाल में भी हिंदुओं पर हमले हुए थे और आज उन अल्पसंख्यक हिंदू परिवारों की सहायता के लिए शायद ही कोई बचा है। मोहम्मद यूनुस के अपने व्याख्यानों में सकारात्मकता दिखाने के प्रयास किए हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बहुत अलग है। वैश्विक समुदायों को बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों का पर्यवेक्षण करते हुए उनकी परिस्थितियों में सुधार हेतु अग्रसर होना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजिका सीडीपीएचआर की अध्यक्ष डॉ. प्रेरणा मल्होत्रा ने अपने व्याख्यान में यह कहा कि बंगलादेश में इस्लामीकरण इतना बढ़ चुका है की संपूर्ण देश एक ज्वालामुखी के ऊपर बैठा सा प्रतीत हो रहा है जिसमे किसी भी समय विस्फोट हो सकता है। यह बंगलादेश के अल्पसंख्यकों के लिए अत्यधिक घातक साबित होगा। पिछले दशकों में बहुत कुछ पहले ही चला गया है, और वर्तमान परिस्थिति से यह स्पष्ट है की बंगलादेश अल्पसंख्यक हिंदुओं, बौद्धों, जैनों, सिक्खों, ईसाइयों एवं अहमदिया मुसलमानों के जीवन यापन हेतु सर्वथा अनुपयुक्त है। विभिन्न राष्ट्रों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों व संस्थाओं के द्वारा यदि कोई सुदृढ़ कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में हिंदू समेत सभी अल्पसंख्यक बंगलादेश से विलुप्त हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार ने पिछले 3 हफ्तों में अल्पसंख्यकों की स्थिति में कोई सुधार नहीं किया है। सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है। इस्लामवादियों को खुश करके वे देश में अल्पसंख्यकों के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं। देश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के लिए ‘नए’ बंगलादेश की दिशा बहुत अंधकारमय नज़र आ रही है। पहले ही, देश के हिंदुओं की संख्या पिछले कुछ दशकों में तेजी से घट गई है, जिसके कारण या तो वे मारे गए, धर्मांतरण के लिए मजबूर किए गए, या फिर देश छोड़कर भाग गए। जो भयावह भविष्य उनका इंतजार कर रहा है, वह बहुत ही निराशाजनक है। बंगलादेश के अल्पसंख्यकों द्वारा अपने मानवाधिकारों के लिए दिखाई गई एकता ही आज के समय में एकमात्र   की किरण है।
लोकतांत्रिक जीवन एवं परंपरा के बहुलवादी तरीकों की वकालत करने वाला संगठन सीडीपीएचआर को शिक्षाविदों, वकीलों, न्यायाधीशों, रिपोर्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, और स्वतंत्र शोधकर्ताओं से मिलकर बनाया है, जो अपने कार्यक्षेत्र में विशिष्ट दक्षता रखते हैं। ‘बंगलादेश में अपहृत छात्र विरोध से सत्ता परिवर्तन और परिवर्तन पश्चात अल्पसंख्यक विध्वंस’ शीर्षक से बंगलादेश में चल रहे राजनीतिक संकट पर जारी अपनी रिपोर्ट में सीडीपीएचआर ने कहा है कि इस संकट की शुरुआत इसी वर्ष 05 जून को कोटा मुद्दे पर महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों के साथ हुई। इन प्रदर्शनों ने कालांतर में एक बड़े राजनीतिक आंदोलन का रूप ले लिया, जिसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों पर व्यापक विध्वंश एवं सड़कों पर उमड़ते भीड़ तंत्र का उदय हुआ। विरोध प्रदर्शन प्रारंभ में छात्रों द्वारा संचालित विरोध प्रदर्शन थे, जिनकी प्रारंभिक मांगें गैर-राजनीतिक थीं। जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन फैला, कई नागरिक समाज समूह, जमात-ए-इस्लामी और बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) जैसे इस्लामी एवं दक्षिणपंथी विपक्षी संगठन और अन्य उग्रवादी दल इसमें शामिल हो गए। परिणामस्वरूप, आंदोलन की व्यापकता के साथ प्रदर्शनकारियों के लक्ष्य राजनीतिक रूप में परिवर्तित हो गए।
रिपोर्ट में बंगलादेश की घटनाओं के पीछे अमेरिका के हाथ होने का खुल कर आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगलादेश में अमेरिकी राजनयिकों और दूतों की बढ़ती भागीदारी भी देखी गई। रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों से अमेरिकी राजनयिक वर्ग ने विपक्षी नेताओं, एनजीओ और इस्लामी समूहों से लगातार संपर्क स्थापित किए । इस दौरान हसीना शासन का विरोध निरंतर रूप से किया जा रहा था। अंततः, यह विरोध प्रदर्शन सत्ता परिवर्तन का एक साधन बन गया, क्योंकि छात्र समूहों ने अंत में केवल एक ही मांग की – शेख हसीना का इस्तीफा।
रिपोर्ट में अमेरिकी डीप स्टेट की भागीदारी ने समस्या की गंभीरता एवं जटिलता का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा गया कि इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि ढाका में अमेरिकी दूतावास और विदेश विभाग के दूतों, राजनयिकों और प्रतिनिधियों के बीच नियमित बैठकें होती थीं। इसके अलावा, शेख हसीना शासन ने सार्वजनिक रूप से इन अमेरिकी एजेंटों और बंगलादेशी विपक्षी नेताओं के बीच होने वाली बैठकों पर लगातार नाराजगी व्यक्त की थी। नागरिक समाज समूहों में मुहम्मद यूनुस एक प्रमुख व्यक्ति हैं, जो इन बैठकों का हिस्सा थे। शेख हसीना विरोधी ताकतों के लिए अमेरिकी समर्थन तब भी जारी रहा जब माे. यूनुस को नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया। विदेशी देशों में हस्तक्षेप और विपक्षी तत्वों का निरंतर पोषण करना, अमेरिकी गुप्त कूटनीति की विशिष्ट पद्धति है।
शेख हसीना के देश छोड़कर चले जाने के बाद, बंगलादेश में हिंदू समुदाय पर सुनियोजित और व्यापक हमले शुरू हो गए। 5 अगस्त को, 27 जिलों में अल्पसंख्यकों के घरों और व्यवसायों पर हमले और लूटपाट की पुष्टि हुई। 8 अगस्त तक, 52 जिलों में 205 से अधिक हिंदू-विरोधी हमले हुए। इसके अलावा, 49 शिक्षकों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। बीएनपी और अन्य विरोधी दलों ने इन हमलों को “व्यक्तिगत घटनाएँ” कहकर उनका खंडन किया। इस प्रचार अभियान में वैश्विक मीडिया संगठनों ने भी अपनी भागीदारी निभाई, जिन्होंने इन हमलों की धार्मिक प्रकृति का खण्डन किया। लेकिन बंगलादेशी अल्पसंख्यक वर्ग के कार्यकर्ताओं ने इन हमलों की व्यापकता एवं धार्मिक प्रकृति पर आधारित होने पर सत्यापन दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगलादेश में इस्लामी संगठनों का संपूर्ण दृष्टिकोण काफ़िरों और मुसलमानों के बीच कठोर विभाजन पर आधारित है। बंगलादेश के धार्मिक अल्पसंख्यक ऐतिहासिक रूप से काफ़िर, द्विराष्ट्र और बंधक आबादी के सिद्धांतों के शिकार रहे हैं। यह नवीनतम दौर उस परियोजना का विस्तार है जो पाकिस्तान के गठन के साथ शुरू हुआ था: मुस्लिम बहुल प्रांत में अल्पसंख्यकों को बंधक बनाकर दो राष्ट्रों का निर्माण। हिंदू समुदाय और समाज हमेशा से संघर्ष के क्षेत्र में रहे हैं। लगभग एक दशक पहले, बंगलादेशी विद्वान अब्दुल बरकत ने गणना की थी कि 30 वर्षों के भीतर देश में कोई हिंदू नहीं बचेगा। दुख की बात है कि जिस तरह यह अंतरिम सरकार इस्लामवादियों को खुश करने के लिए अंसारुल्लाह के आतंकवादियों को रिहा कर रही है और अल्पसंख्यक विरोधी जमात पर से प्रतिबंध को जल्दबाजी में हटा रही है, वह अत्यंत चिंताजनक है। 1951 से 2022 के बीच देश में हिंदुओं की संख्या 22 प्रतिशत से घटकर 8 प्रतिशत रह गई है। शासन में आने के पश्चात इस अवैध सरकार द्वारा किए गए वादे पूर्ण रूप से अवैध साबित हुए हैं जिससे अल्पसंख्यक वर्ग सर्वनाश की ओर अग्रसर होता जा रहा है ।
 
कड़वा सत्य

Tags: IndiaJamaat-e-Islamion the linesrelations withshould buildTaliban’जमाते इस्लामी सेतर्ज परबनाये भारत’भी रिश्ते‘तालिबान की
Previous Post

फिलीपींस में बाढ़, भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 15 हुई

Next Post

पूजा हेगड़े ने फिल्म ‘देवा’ की शूटिंग पूरी की

Related Posts

Petrol Diesel Price Today: हर सुबह बदलते हैं तेल के दाम, जानिए आज आपके शहर में कितने का मिल रहा पेट्रोल-डीजल
देश

Petrol Diesel Price Today: हर सुबह बदलते हैं तेल के दाम, जानिए आज आपके शहर में कितने का मिल रहा पेट्रोल-डीजल

July 28, 2025
India-Pakistan Tension: LOC पर पाकिस्तानी गोलीबारी के बाद भारत एक्शन मोड में, बड़ा सैन्य कदम कभी भी संभव!
देश

India-Pakistan Tension: LOC पर पाकिस्तानी गोलीबारी के बाद भारत एक्शन मोड में, बड़ा सैन्य कदम कभी भी संभव!

April 29, 2025
पिता संग महाकुम्भ पहुंचीं साइना नेहवाल
खेल

पिता संग महाकुम्भ पहुंचीं साइना नेहवाल

February 5, 2025
होमएक्सचेंज ने भारत में शुरू किया परिचालन
व्यापार

होमएक्सचेंज ने भारत में शुरू किया परिचालन

February 4, 2025
बीकन ने कनाडाई एनआरआई के लिए भारत में बिल भुगतान को किया आसान
व्यापार

बीकन ने कनाडाई एनआरआई के लिए भारत में बिल भुगतान को किया आसान

February 4, 2025
भारत का पहला माइक्रो ड्रामा फेस्टिवल थेस्पिस संपन्न
बॉलीवुड

भारत का पहला माइक्रो ड् ा फेस्टिवल थेस्पिस संपन्न

February 4, 2025
Next Post
पूजा हेगड़े ने फिल्म ‘देवा’ की शूटिंग पूरी की

पूजा हेगड़े ने फिल्म ‘देवा’ की शूटिंग पूरी की

New Delhi, India
Thursday, October 9, 2025
Mist
27 ° c
58%
15.1mh
31 c 24 c
Fri
32 c 24 c
Sat

ताजा खबर

बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन में नेतृत्व की उलझन और एनडीए में सीटों का संग्राम

बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन में नेतृत्व की उलझन और एनडीए में सीटों का संग्राम

October 8, 2025
पंजाब सरकार की ऐतिहासिक सफलता! 100% पुराने केस खत्म, ₹1.29 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित

पंजाब सरकार की ऐतिहासिक सफलता! 100% पुराने केस खत्म, ₹1.29 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित

October 8, 2025
पंजाब में निवेश की आंधी! मान सरकार के तहत पंजाब को मिली नई उड़ान!” शिवा टेक्सफैब्स ने किया 815 करोड़ का निवेश

पंजाब में निवेश की आंधी! मान सरकार के तहत पंजाब को मिली नई उड़ान!” शिवा टेक्सफैब्स ने किया 815 करोड़ का निवेश

October 8, 2025
पंजाब में शिक्षा की क्रांति! मान सरकार ने शिक्षकों को बनाया बदलाव का प्रतीक, युवाओं को दी नई उड़ान

पंजाब में शिक्षा की क्रांति! मान सरकार ने शिक्षकों को बनाया बदलाव का प्रतीक, युवाओं को दी नई उड़ान

October 7, 2025
2000 युवाओं को रोजगार का तोहफ़ा! पंजाब में ₹1000 करोड़ का निवेश करेगी Happy Forgings, जानिए पूरी योजना

पंजाब में कारोबारियों को बड़ी आज़ादी! अब बिना अनुमति 3 साल तक शुरू कर सकेंगे अपना बिज़नेस

October 7, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved