नयी दिल्ली,05 सितंबर (कड़वा सत्य) राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग इस वर्ष अक्टूबर से नवंबर तक पूरे देश में प्रकृति परीक्षण यह अभियान चलायेगा।
केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रकृति का स्वास्थ्य रक्षण में बहुत महत्व होता है और प्रकृति के जानकारी से आम नागरिक खुद को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या ,ऋतुचर्या के अनुरूप अपनी नित्य कार्यों में छोटे-छोटे बदलाव लाकर स्वस्थ रह सकते हैं ।
उन्होंने बताया कि देश भर के एक करोड़ से ज्यादा नागरिकों का प्रकृति परीक्षण देश के आयुर्वेद महाविद्यालयों के एक लाख 35 हजार विद्यार्थी, 20 हजार स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी, 18 हजार अध्यापक तथा तीन लाख चिकित्सक करेंगे। इनकी कुल संख्या मिलाकर साढ़े चार लाख होगी। इन्हें प्रकृति परीक्षण स्वयंसेवक कहा जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के कारण आयुर्वेद की प्रति जन सामान्य का रुझान बढ़ेगा और आयुर्वेद की अर्थव्यवस्था को भी आगे बढ़ाने में मदद होगी।
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