इटावा , 31 दिसंबर (कड़वा सत्य) एशियाई शेरों के सबसे बड़े आशियाने के रूप में दुनिया भर में लोकप्रिय इटावा सफारी पार्क नए साल के जश्न के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इटावा सफारी पार्क के उपनिदेशक विनय कुमार सिंह ने आज यहां यूनी को एक भेंट में बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल पर्यटकों की संख्या में खासा इजाफा होगा ऐसी उम्मीद बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि नए साल के अवसर पर लोग अधिक से अधिक संख्या में घूमने के लिए नई जगह जाते हैं इटावा सफारी में घूमने के लिए ऐसा कुछ है जो जरूर लोगों को आनंदित करेगा। इटावा सफारी पार्क में ऐसा प्रबंध किया है कि जो पर्यटक दूर दराज से इटावा आने वाले हैं वह ऑनलाइन बुकिंग भी अपनी टिकट की कर सकते हैं।
श्री सिंह ने बताया कि सफारी में पर्यटक अधिक से अधिक संख्या में आए इसके लिए फेसबुक,इंस्टाग्राम यूट्यूब,एक्स सोशल साइट और आकाशवाणी के माध्यम से लाइन सफारी का व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली से मात्र 300 किलोमीटर और प्रदेश के राजधानी लखनऊ से ढाई सौ किलोमीटर जब की ताजनगरी आगरा से सफारी पार्क मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित इटावा सफारी पार्क बड़ी आसानी से पहुंचा जा सकता है।
इटावा सफारी पार्क तक पहुंचने के लिए देश की राजधानी दिल्ली से 5 घंटे, ताज नगरी आगरा से मात्र 2 घंटे, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मात्र 3 घंटे में और बुंदेलखंड के किसी भी हिस्से से मात्र 2 घंटे में इटावा सफारी पार्क आसानी से पहुंचा जा सकता है।
नए साल पर इटावा सफारी पार्क में जो भी पर्यटक आएंगे उनको 40 मिनट के दायरे में शेर, 12 लेपर्ड, 146 ब्लैक बग (काला हिरन), 87 चीतल, 14 सांभर, एक भालू और दो नीलगाय देखने को मिलेगी।
इटावा सफारी पार्क प्रबंधन को उम्मीद है कि पिछले साल से बहुत अधिक पर्यटक इटावा सफारी पार्क में नए साल के अवसर पर आनंद उठाने के लिए पहुंचेंगे। इटावा सफारी पार्क प्रबंधन ने सफारी पार्क में देशी विदेशी पर्यटकों को लाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है। फेसबुक,यूट्यूब,ट्विटर और इस्टाग्राम के जरिए पर्यटकों को सफारी तक लाने की कसरत कबायत में सफारी प्रबंधन जुटा हुआ है।वैसे तो इटावा सफारी पार्क में बड़ी तादाद में अन्य वन्य जीव भी है लेकिन सबसे बड़ा आकर्षण एशियाटिक शेरों का ही है जिनको देखने के लिए देशी विदेशी पर्यटक बड़ी तादात में साल भर पहुंचते रहते।
सफारी का मुख्य आकर्षण एशियाटिक लायन को देखने का पर्यटकों के बीच खासा उत्साह रहता है, इसके लिए सफारी प्रबंधन ने लायन सफारी 5 शेरो को छोड़ दिया है, जिन को देख कर के इटावा सफारी पहुंच रहे पर्यटक बेहद गदगद नजर आ रहे हैं। पहले से एक बाड़े में बंद रहा करते थे लेकिन अब उनको खुले में छोड़ दिया गया है अब पर्यटक बंद गाड़ी से जाएंगे और शेर खुले में छूटे हुए नजर आ रहे है।
इटावा सफारी पार्क पहुंच रहे पर्यटक ऐसा मानकर के चलते हैं जिस तरह से उन्हें इटावा सफारी में शेर देखने को मिल रहे हैं इस तरह से शेर देश के दूसरे किसी भी हिस्से में देखने को नहीं मिल पा रहे हैं।
राजस्थान से आए एक पर्यटक ऐसा बताते हैं कि उनके राजस्थान में रणथंभोर में भी शेर है लेकिन वह दिखाई देंगे या नहीं यह नहीं कहा जा सकता लेकिन इटावा सफारी पार्क में हर हाल में शेर नजर आएगा और जो आपको आनंद का एहसास कराएगा । जिस हिस्से में शेरों को छोड़ कर के रखा गया है वहां पर डॉक्टरों की एक टीम भी हमेशा मौजूद रहती है।
ताजनगरी आगरा के करीब होने के कारण इटावा सफारी पार्क का महत्व अपने आप में बढ़ा है। सफारी पार्क के प्रति पर्यटकों के आकर्षण में लगातार इजाफा हो रहा है। सफारी पार्क अपने आप में इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एशिया का एकमात्र ब्रीडिंग सेंटर है जिसके जरिए एशियाटिक शेरों की संख्या में इजाफा होना तय माना जा रहा है।
आगरा से आए पर्यटक विभोर माहेश्वरी का कहना है कि इटावा सफारी पार्क देखकर के बेहद गदगद है, करीब से शेरों को देखने का मौका मिला है आज तक इतने करीब से कही भी शेर नही देखे जा सके है। दूसरे अन्य वन्य जीव भी बेहद आनंद का एहसास कर रहे हैं परिवार के जितने भी लोग आए थे इटावा सफारी पार्क देखकर के बेहद खुश बने हुए हैं।
इटावा के पर्यटक संजीव पांडे ऐसा बताते हैं कि सफारी में उनको दिखाए जाने वाले शेरो की अठखेलियां ऐसी है जिनसे आप शेरो को देखने से अपने आप को रोक नहीं पाएंगे।
कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली के रूप में बदनाम रही चंबल घाटी को पर्यटकों के लिए आबाद करने की मंशा के तहत सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 2003 में इस प्रोजेक्ट की शुरूआत कराई थी ,लेकिन 2007 में प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने सत्ता में आते ही इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उसके बाद इटावा को पर्यटन मानचत्रि पर लाने की गरज से बीहड़ में लायन सफारी की स्थापना की रूपरेखा शुरू कराई। रूपरेखा का ही नतीजा आज बीहड मे स्थापित सफारी भव्य रूप मे दिखाई दे रहा है।
इटावा सफारी पार्क का निर्माण मई 2012 में शुरू हुआ था। यह करीब 350 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इटावा को पर्यटन मानचत्रि पर लाने की गरज से बीहड़ में लायन सफारी की स्थापना की रूपरेखा शुरू कराई थी और आज बीहड मे स्थापित सफारी भव्य रूप मे दिखाई दे रहा है।
सं सोनिया