लाहौर 08 जनवरी (कड़वा सत्य) पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने पार्टी सुप्रीमो नवाज शरीफ को राष्ट्रपति पद के लिए खड़े होने की यह कहते हुए सलाह दी है कि मौजूदा ‘हाइब्रिड प्लस’ प्रणाली में वह प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त नहीं होंगे।
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पीएमएल-एन सीनेटर ने एक निजी समाचार चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा,“जमीनी हकीकत और मियां साहब के व्यक्तित्व को देखते हुए तथा देश की खातिर मैं उन्हें प्रधानमंत्री पद खड़े नहीं होने की सलाह दूंगा।”
श्री मुशाहिद ने कहा,“अगर वह चौथी बार प्रधानमंत्री बन गए तो क्या होगा? क्या उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा, या उन्हें ओलंपिक पदक मिलेगा? ऐसा नहीं होना चाहिए कि उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री पद से बेदखल होना पड़े बल्कि उन्हें राज्य का मुखिया (यानी) सेना का सर्वोच्च कमांडर होना चाहिए। यह उनके, उनकी पार्टी, देश और लोकतंत्र के लिए अच्छा होगा।”
सीनेटर ने कहा कि देश ने पिछले छह वर्षों में छह प्रधानमंत्रियों को देखा है, जिनमें से तीन जेल गए। उन्होंने श्री शरीफ को सलाह दी कि वह पार्टी से किसी और को प्रधानमंत्री बनने दें। उन्होंने कहा,“मैं कहूंगा कि एक राष्ट्रीय सरकार होनी चाहिए क्योंकि मेरा अनुमान है कि आठ फरवरी के चुनावों में कोई भी साधारण बहुमत हासिल नहीं कर पाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या ‘सभी सौदों की जननी’ प्रभावी है श्री मुशाहिद ने कहा,“कुछ चीजें स्पष्ट हैं। आप उन्हें अंदर लाते हैं और फिर उन्हें बाहर कर देते हैं। जरूरत पड़ने पर आप उनसे डील भी कर लेते हैं।”
सीनेटर ने कहा, “वे लड़ते हैं लेकिन माफी के बाद (मेल-मिलाप) भी होते हैं। जनरल बाजवा ने उन्हें भ्रष्ट कहने का सिलसिला शुरू कर दिया और फिर आलिंगन हुआ। किसी को हीरो कहना, उसे ज़ीरो बनाना और फिर उसे अयोग्यता से हीरो बनाना,यही वे करते हैं।”
उन्होंने कहा,“सभी सौदों की जननी का मतलब है कि सभी को साथ लेकर चलना होगा। तीनों (पीएमएलएन, पीटीआई, पीपीपी) राष्ट्रीय पार्टियां हैं। मैं पार्टियों की बात कर रहा हूं। तीनों के अपने-अपने आधार हैं। मौजूदा हालात में कोई भी बहुत सारे मोर्चे नहीं खोलना चाहेगा।”
श्री मुशाहिद ने कहा, “पीटीआई अफगानिस्तान की सीमा से लगे केपी में है, जिसकी सरकार के साथ संबंध खराब हैं। इसलिए इसे (पीटीआई) नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। राष्ट्रीय राजनीति में राष्ट्रहित का भी ध्यान रखा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राजनीतिक दल देश में एकजुटता सुनिश्चित करते हैं।”
उन्होंने कहा कि चुनाव में भाग लेने वाले सभी दलों ने स्वीकार किया है कि वे किस क्षेत्र में काम करेंगे।
संजय डेस्क