नयी दिल्ली 02 जुलाई (कड़वा सत्य) पर्यावरण एवं जल प्रबंधन से जुड़े दिल्ली की एक गैर-सरकारी संस्था की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों का उपयोग करने वाले लगभग आधे किसान मशीनों के कुशल संचालन और कीट नियंत्रण के लिए धान के कुछ खुले डंठलों को जलाते हैं।
ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) की मंगलवार को जारी एक सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में 58 प्रतिशत किसानों ने पराली प्रबंधन के लिए सुपर सीडर और रोटावेटर जैसी मशीनों का उपयोग किया। रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, किसानों की सीआरएम मशीनों तक समय पर पहुंच, मशीनों के इस्तेमाल के लिए उचित प्रशिक्षण की कमी और मशीनों के इस्तेमाल से गेहूं का उत्पादन घटने एवं कीटों के हमले होने की गलत धारणा जैसे कारणों से अभी भी पराली को जलाने से रोकने के सामने चुनौतियां मौजूद हैं।”