इस्लामाबाद, 01 जनवरी (कड़वा सत्य) पाकिस्तान में आगामी 08 फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए लाहौर के निर्वाचन क्षेत्र एनए-130 से पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ के नामांकन पत्र स्वीकार किए जाने को सोमवार को चुनौती दी गई। यह जानकारी डॉन.कॉम ने दी।
पिछले सप्ताह पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पूर्व प्रधानमंत्री के नामांकन को स्वीकार किया था जबकि इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी सहित पीटीआई के बड़े नेताओं की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था।
पाकिस्तान अवामी महाज (पीएएम) की वकील शाखा के मुख्य आयोजक इश्तियाक चौधरी के वकील इश्तियाक अहमद ने चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 63 (जांच आदेश के खिलाफ अपील) के अंतर्गत लाहौर उच्च न्यायालय के अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दायर की। एनए-130 से उम्मीदवार श्री चौधरी ने भी अपना नामांकन पत्र खारिज किए जाने को चुनौती दी थी। निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी (आरओ), ईसीपी और नवाज को इस मामले में प्रतिवादी बनाया गया है।
अपनी याचिका में श्री चौधरी ने न्यायाधिकरण से नवाज शरीफ के दस्तावेजों को अवैध और गैरकानूनी बताते हुए उनकी स्वीकार्यता को रद्द करने और पनामा पेपर्स मामले में 2017 में उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के कारण दस्तावेजों को खारिज करने का अनुरोध किया। डॉन.कॉम ने कहा कि अपील में यह भी अनुरोध किया गया है कि उन्हें आगामी चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने पूछा कि क्या शीर्ष अदालत का फैसला ईसीपी सहित सभी संस्थानों के लिए बाध्यकारी नहीं है। अपीलकर्ता ने आगे आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या आरओ द्वारा पारित किसी भी प्रतिकूल आदेश के अभाव में उन्हें चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
श्री चौधरी ने कहा कि उन्होंने 23 दिसंबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था और निर्वाचन अधिकारी ने कुछ दिन बाद जांच के बाद उन्हें बिना किसी आपत्ति के स्वीकार कर लिया था। उन्हें बताया गया था कि उनका नाम 30 दिसंबर को जारी योग्य उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया जाएगा।
पीएएम नेता ने दावा किया कि जब उन्होंने नवाज के नामांकन पत्र की प्रतियां मांगीं, क्योंकि वह उनके खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराना चाहते थे, तो आरओ ने उन्हें प्रदान करने से इनकार कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि उनका नाम किसी भी आदेश के अभाव में अवैध और गैरकानूनी रूप से सूची से बाहर रखा गया है और संविधान के अनुच्छेद 62 (1) (एफ) (संसद की सदस्यता के लिए योग्यता) के अंतर्गत आजीवन अयोग्यता वाले पूर्व प्रधानमंत्री अभी भी मैदान में है।
श्री चौधरी ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी ने उनकी आपत्ति पर फैसला करने की अनदेखी की और कोई भी नियम या कानून सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अनदेखी नहीं कर सकता है, जो सभी मामलों में फैसला लेने के लिए अंतिम न्यायकर्ता है। उन्होंने दलील दिया कि निर्वाचन अधिकारी के पास नवाज के कागजात को स्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है और उनपर संविधान के अनुच्छेद 204 (अदालत की अवमानना) के अंतर्गत कार्रवाई होनी चाहिए।
उनकी अपील पर कल सुनवाई होगी। रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की स्वीकृति या अस्वीकृति के खिलाफ अपील 03 जनवरी तक दायर की जा सकती है और इन अपीलों पर निर्णय 10 जनवरी तक लिया जाएगा।
इसने कहा कि उम्मीदवारों की प्रारंभिक सूची 11 जनवरी को प्रदर्शित की जाएगी और उम्मीदवार अगले दिन तक अपना नामांकन पत्र वापस ले सकते हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 13 जनवरी को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे, जबकि आम चुनावों के लिए मतदान 8 फरवरी को होगा।
इस बीच, महिलाओं और गैर-मुस्लिमों की आरक्षित सीटों के लिए संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्रों की जांच की अंतिम तिथि 13 जनवरी है, जबकि आरओ के फैसलों के खिलाफ अपील दायर करने की अंतिम तिथि 16 जनवरी है। आरक्षित सीटों के लिए उम्मीदवारों की संशोधित सूची 20 तारीख को प्रकाशित की जाएगी और उम्मीदवार 22 जनवरी तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अंतिम सूची अगले दिन जारी की जाएगी।
अभय