नयी दिल्ली 15 अक्टूबर (कड़वा सत्य) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने युवा पुलिस अधिकारियों से नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा पर विशेष ध्यान देने का आह्वान करते हुए कहा है कि नागरिकों की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा का मूल बिंदु है।
श्री शाह ने मंगलवार को यहां भारतीय पुलिस सेवा के 2023 बैच के प्रोबेशनर्स से संवाद किया। इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने ट्रेनिंग से जुड़े अपने अनुभव केन्द्रीय गृह मंत्री से साझा किए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2047 में विकसित भारत आतंकवाद मुक्त, नशा मुक्त, आंतरिक सुरक्षा से युक्त, मानवाधिकारों व नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला होगा। गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने सीमाओं की चाक चौबंद सुरक्षा करने के लिए बहुत कुछ कर लिया है और बाकी किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर, नार्थ ईस्ट और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र तीन नासूर थे, लेकिन अब हमें इन तीनों जगहों पर हिंसा में 70 प्रतिशत तक की कमी लाने में सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि आज इन तीनों जगहों पर भारतीय एजेंसियों का संपूर्ण वर्चस्व है।
श्री शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारे नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा के लिए पुलिस तंत्र आगे आए। साथ ही देश की सीमाओं के अंदर हो रहे कअपराधों को कम करने के लिए पुलिस तंत्र मुस्तैदी बरते और हम अपने नागरिकों को कम से कम समय में न्याय दे पाएं।
श्री शाह ने कहा कि नए कानूनों में न्यायिक प्रक्रिया को समयबद्ध किया गया है। 5 साल में पूरे देश के हर थाने में टेक्नोलॉजी के इंस्टॉलेशन, सॉफ्टवेयर के निर्माण और ट्रेनिंग सहित नए कानूनों को पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। उसके बाद प्राथमिकी रजिस्टर होने के बाद न्याय की प्रक्रिया तीन साल के अन्दर समाप्त हो जाएगी।
श्री शाह ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा का मतलब सिर्फ सीमा की सुरक्षा नहीं होता। राष्ट्र भूमि से और कानूनी तरीके से बनता है, परंतु राष्ट्र व्यक्तियों और नागरिकों से बनता है। नागरिक की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा का मूल बिंदु है। उन्होंने कहा कि जब वे सुरक्षा की बात करते हैं तो यह व्यक्ति की प्रॉपर्टी या उसके शरीर की सुरक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि हमारे संविधान ने उसे जो उसको अधिकार दिए हैं उसकी सुरक्षा भी इसमें निहित हो जाती है। गरीब से गरीब व्यक्ति को इस देश के प्रधानमंत्री जितने अधिकार दिए गए हैं, इसकी सुरक्षा की ढेर सारी जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों पर है। श्री शाह ने कहा कि 75 साल के बाद अब वह समय आ गया है कि हम अपने मूल काम पर अब ध्यान केंद्रित करें। अब नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने और उन पर अत्याचारों की रोकथाम के लिए प्रयास करने का समय आ गया है।
श्री शाह ने प्रोबेशनर्स से कहा कि कोई ऐसा काम नहीं है जिसमें सुधार नहीं हो सकता और कोई ऐसा काम नहीं है जो महत्वपूर्ण नहीं है, अगर वे इसे गांठ बांध लेंगे तो जीवन में बहुत सारी निराशा से दूर हो जाएंगे।
श्री शाह ने कहा कि गरीबों, बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने से बड़ा कोई काम नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि युवा पुलिस अधिकारी जिस जिले के एसपी हो, वह जिला वर्षों तक उनके अच्छे कामों को याद रखे, वही सबसे बड़ा मैडल होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि सभी युवा अधिकारियों को देश विरोधी गतिविधियों को समाप्त करने के लिए रुथलेस अप्रोच के साथ काम करना होगा। पुलिस का काम करते वक्त हमारे जहन में हमेशा राष्ट्र की सुरक्षा होनी चाहिए और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हमारे चक्षु हमेशा खुले होने चाहिए।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो और निदेशक, सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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