नयी दिल्ली 01 फरवरी (कड़वा सत्य) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 में कराधान व्यवस्था को यथावत बनाये रखने की परंपरा का पालन करते हुये गुरुवार को बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.1 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है, लेकिन उन्होंने कुछ पूर्व की बकाया कर मांग को वापस लेने की घोषणा की जिससे एक करोड़ से अधिक करदाताओं को कुल मिलाकर 3500 करोड़ रुपये की देनदारी से मुक्ति मिलेगी।
श्रीमती सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में यह स्पष्ट किया कि यह कोई कर माफी योजना नहीं बल्कि यह कर प्रशासन की आसानी की दृष्टि से लिया गया फैसला है।