नयी दिल्ली 01 अप्रैल (कड़वा सत्य) पंजाब में पटियाला लोकसभा सीट से निर्वाचित पूर्व सदस्य डॉ धर्मवीर गांधी आज कांग्रेस में शामिल हो गये।
डॉ गांधी ने कांग्रेस मीडिया और प्रचार विभाग प्रमुख पवन खेड़ा, पार्टी के पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा बराड़ तथा पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा की मौजूदगी में यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
कांग्रेस नेताओं ने डॉ गांधी का पार्टी में स्वागत किया और कहा कि कांग्रेस की विचारधारा से शामिल होकर उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है और इससे उन्हें तथा पार्टी दोनों को लाभ होगा।
श्री खेड़ा ने उनका स्वागत करते हुए कहा “आपका बहुत-बहुत स्वागत और भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”
श्री यादव ने कहा “पटियाला के पूर्व सांसद श्री धर्मवीर गांधी जी कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। यह पार्टी के लिए बहुत खुशी की बात है। कांग्रेस विचारधारा से प्रेरित होकर डॉ धर्मवीर पार्टी में सम्मिलित हुए हैं। मैं कांग्रेस की तरफ से उनका स्वागत करता हूं।”
श्री बराड़ ने कहा “मैं बहुत-बहुत आभारी हूं कि पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी जी ने आज कांग्रेस में शामिल होने और अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का फैसला किया है। आज देश में जिस तरह की राजनीति चल रही है, उस दौर में इन्होंने कांग्रेस पार्टी का झंडा उठाकर चलने का फैसला किया है। मैं पूरी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से धर्मवीर जी को बधाई और धन्यवाद देना चाहता हूं।”
श्री बाजवा ने कहा “धर्मवीर गांधी जी का कांग्रेस में आना हमारे लिए शुभ संकेत है। इनके साथ बहुत सारे साथी भी आए हैं। ये ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का असर है। मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। आपके आने से हमें मजबूती मिलेगी।”
इस मौके पर डॉ गांधी ने कहा “आने वाला लोकसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है, यह देश की दिशा तय करेगा।ऐसे समय में सही के साथ खड़ा होना बहुत जरूरी है। इसलिए मैं कांग्रेस में शामिल हुआ हूं।”
उन्होंने कहा कि वह चिकित्सक है लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्राओं से प्रभावित हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संस्थानों को तबाह करने और तानाशाही रवैया से दुखी है इसलिए कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की से 16वीं लोकसभा के सदस्य रहे डॉ गांधी ने कहा कि वह अन्ना हजारे के आंदोलन से प्रभावित थे और उन्हें लगा कि देश में सचमुच में राजनीतिक बदलाव आएगा लेकिन जब उन्होंने अरविंद केजरीवाल की छद्म को देखा तो वह समझ गए कि उनके साथ रहना उचित नहीं है।
अशोक
कड़वा सत्य