नयी दिल्ली, 14 जनवरी (कड़वा सत्य) प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गौरव द्विवेदी का कहना है कि वह बाज़ार में ओटीटी प्लेटफॉर्म सहित सभी मीडिया मंचों पर वाणिज्यिक अवसरों का लाभ उठाएंगे लेकिन किसी भी कीमत पर अपना स्तर नहीं गिरने देंगे।
श्री द्विवेदी ने यहां राष्ट्रीय पत्रिका पांचजन्य के 78वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम अष्टायाम में एक परिचर्चा में कहा कि यदि मैं अपनी माता जी के साथ बैठ कर कोई कार्यक्रम नहीं देख सकता हूं तो वो प्रसार भारती के किसी भी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि एक लोक सेवा प्रसारक होने के नाते प्रसार भारती की कोशिश है कि हम हर उस माध्यम पर उपलब्ध रहें जहां दर्शन हैं। हम एक तरह से दर्शकों के पीछे चल रहे हैं, उन्हें जो चाहिए, जिस तरीके से चाहिए हम उपलब्ध करवाएंगे, इसलिए हमने अपना ओटीटी शुरू किया है। करीब दो माह में 16 लाख से अधिक दूरदर्शन का ओटीटी चैनल डाउनलोड हो चुका है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन ने वर्ष 2003 में फ्री डिश के नाम से सेटटॉप बॉक्स सेवा शुरू की थी और आज करीब पांच करोड़ घरों में फ्री डिश कनेक्शन हैं।
उन्होंने कहा कि आज दर्शक अपनी पसंद का कार्यक्रम अपने समय से देखना चाहते हैं और ओटीटी इसे सुलभ कराता है। उन्होंने कहा कि प्रसार भारती के सामाजिक दायित्व भी हैं। इसलिये प्रसार भारती के प्लेटफार्म वाणिज्यिक अवसरों का लाभ उठाएंगे लेकिन अपना स्तर नहीं गिराएंगे। अच्छे मनोरंजक कार्यक्रम जो परिवार के साथ बैठ कर देखे जा सकें और जो सामाजिक अभिरुचि के हों, उन्हें ही दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन के ओटीटी प्लेटफॉर्म वेब्स पर नवोदित निर्माताओं के लिए यंग कॉर्नर भी अलग से आरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस सेक्टर का भी विकास हो।
ओटीटी के अन्य प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता और सस्ती बाज़ारू सामग्री आने का उल्लेख किये जाने पर श्री द्विवेदी ने कहा कि तकनीक हमेशा आगे चलती है, उसे विनियमित करने के नियम बाद में बनाये गये। उन्होंने उदाहरण दिया कि सिनेमा 1913 में आया और सेंसर बोर्ड बाद में बना। उन्होंने कहा कि ओटीटी जैसे प्लेटफॉर्म्स के विनियमन के लिये आने वाले समय में प्रशासकीय प्रणाली से या संसद के माध्यम से नियम कानून बनाने की चर्चा हो रही है।
प्रयागराज में महाकुंभ में प्रसार भारती के इंतज़ामों के बारे में उन्होंने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र में 40 कैमरे एवं एक हेलीकाप्टर कैमरे की व्यवस्था की गयी है। ऐसा अनुमान है कि 40 से 50 करोड़ लोग महाकुंभ में आएंगे लेकिन 100 करोड़ लोग नहीं आ पाएंगे। ऐसे में दूरदर्शन ने उन 100 करोड़ लोगों को उनके घर बैठे वैसा ही अनुभव कराने की व्यवस्था की है।
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कड़वा सत्य