नयी दिल्ली 27 मई (कड़वा सत्य) उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पंचायत स्तर पर औषधीय पौधों को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि कॉर्पोरेट नेताओं से “कंपनी सामाजिक उत्तरदायित्व” सीएसआर के माध्यम से अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने चाहिए।
श्री धनखड़ ने कर्नाटक के बेलगावी में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन (एनआईटीएम) के 18वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश में एक फिटनेस संस्कृति विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “ प्रत्येक भारतीय फिट और स्वस्थ रहे, और भारत के विकसित के अभियान में सकारात्मक योगदान देने में सक्षम हो सके।” उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और योग को शामिल करते हुए भारत की पारंपरिक चिकित्सा का समृद्ध भंडार पूर्वजों के गहन ज्ञान का प्रमाण है। उन्होंने कहा, “ये विज्ञान, दर्शन और आध्यात्मिकता का एक आदर्श मिश्रण हैं और मन, शरीर और आत्मा और प्रकृति के बीच संतुलन और सामंजस्य पर जोर देते हैं।”
भावी पीढ़ियों के लिए जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान की सुरक्षा करने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि देश को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के कार्य में हर गांव को शामिल करना चाहिए। उन्होेंने कहा, “मैं पंचायत स्तर पर भी आग्रह करूंगा कि हमें औषधीय पौधों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।” उपराष्ट्रपति ने कॉर्पोरेट और सार्वजनिक नेताओं से अनुसंधान और विकास का सहयोग करने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अनुसंधान, विकास, नवाचार और स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को अपने सीएसआर का प्रयोग करना चाहिए। सत्या,
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