ढाका,19 जुलाई (कड़वा सत्य) बंगलादेश की राजधानी ढाका में नागरिक क्षेत्र में भर्ती कोटा आरक्षण एवं विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए कुछ मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के विरोध में गुरुवार को लाठियों और पत्थरों से लैस हजारों छात्रों ने सशस्त्र पुलिस के साथ झड़प की जिसमें कम से कम 17 लोगों की मौत हो गयी जबकि सैकड़ों अन्य घायल हो गये।
अल जजीरा ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार कल पूरे बंगलादेश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में कम से कम 17 लोग मारे गए क्योंकि पुलिस ने देश के अधिकांश हिस्सों में सेलफोन सेवाएं बंद कर दीं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार ढाका में पुलिस के साथ झड़प में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बस चालक भी शामिल है। चालक के सीने में गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया। झड़प के दौरान सैकड़ों अन्य घायल हो गए।
पुलिस का कहना है कि ढाका के दक्षिणपूर्व शहर नारायणगंज में दो लोग मारे गए।
पूर्वी बंगलादेश में चटगांव – जिसे आधिकारिक तौर पर चट्टोग् के नाम से जाना जाता है – में दो और मौतें हुईं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने मीडिया को बताया कि ढाका में वाहनों, पुलिस चौकियों और अन्य उद्यमों को आग लगा रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस तथा रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जुनैद अहमद पलक ने कहा कि ‘विभिन्न अफवाहों’ और सोशल मीडिया पर ‘अस्थिर स्थिति पैदा होने’ के कारण मोबाइल इंटरनेट को ‘अस्थायी रूप से निलंबित’ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी।
कुछ घंटों बाद ही द डेली स्टार और ढाका ट्रिब्यून समेत अन्य बंगलादेश की समाचार वेबसाइटें बंद होती दिखीं।
बंगलादेश में यूरोपीय संघ के निवर्तमान राजदूत चार्ल्स व्हाइटली ने वर्तमान स्थिति के शीघ्र समाधान का आह्वान किया। उन्होंने कहा,“बंगलादेश के सभी मित्र और साझेदार वर्तमान स्थिति का त्वरित समाधान और आगे की हिंसा तथा रक्तपात से बचना चाहते हैं।”
यहां अमेरिकी दूतावास ने ढाका और देश भर में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए ‘प्रदर्शन अलर्ट’ जारी किया है और कहा है कि स्थिति बेहद अस्थिर है।
देश में अशांति गत एक जुलाई को शुरू हुई, जब विश्वविद्यालय के छात्र सरकारी नौकरियों में कोटा खत्म करने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए।
पिछले महीने, उच्च न्यायालय ने उस नियम को बहाल किया जो 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ देश के मुक्ति संग् में भाग लेने वाले लोगों के बच्चों और पोते-पोतियों के लिए 30 प्रतिशत पदों पर आरक्षण का प्रावधान करता है।
रिपोर्टों के अनुसार, उच्च बेरोजगारी दर वाले बंगलादेश में अब लगभग 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां नागरिकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षित हैं।
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कड़वा सत्य