नयी दिल्ली, 30 जनवरी (कड़वा सत्य) बजट 2024-25 के लिए अपनी सिफारिशों में भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट ने भारत को पांच लाख करोड़ डाॅलर (पांच ट्रिलियन डाॅलर) की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की सूक्षम, लघु और मझोली (एमएसएमई) इकाइयों को विश्वक आर्थिक धाराओं से जोड़ने की जरूरत पर बल दिया है।
युवा ग्रामीण उद्यमियों के लिए नवाचार और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में संलग्न इस गैर सरकारी संगठन ने ऐसी इकाइयों को कर्ज पर दो-तीन प्रतिशत की ब्याज सहायता अथवा 25 लाख रुपये तक की क्रेडिट सीमा वाली विनिर्माण कार्य में लगी सूक्ष्म इकाइयों के लिए स्वीकृत प्रयुक्त ऋण राशि के पांच-10 प्रतिशत के बराबर ‘ बैक-एंड’ (अंत में) पूंजीगत सब्सिडी जैसे लाभ पर विचार किए जाने की सिफारिश की है।