नयी दिल्ली 01 फरवरी (कड़वा सत्य) स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियों ने आज संसद में पेश आम बजट में जीवन रक्षक दवाओं पर छूट और दरों में कटौती के साथ सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाने के फैसले को सराहनीय बताया और कहा कि इससे मरीजों और संस्थानों के लिए उन्नत उपचार अधिक सुलभ हो जाएंगे, जिससे वित्तीय बोझ कम होगा।
फोर्टिस हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्टर और चीफ ऑफ न्यूरोलॉजी डॉ. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि सरकार ने इस बार के बजट में जीवन रक्षक दवाओं पर छूट और दरों में कटौती के साथ सीमा शुल्क को जो तर्कसंगत बनाने का फैसला किया है वह निश्चित रूप से सराहनीय है। खास तौर पर दुर्लभ बीमारियों के लिए यह एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। इससे मरीजों और संस्थानों के लिए उन्नत उपचार अधिक सुलभ हो जाएंगे, जिससे वित्तीय बोझ कम होगा। इसके अलावा जिला अस्पतालों में 200 डेकेयर कैंसर केंद्रों की घोषणा से वंचित क्षेत्रों में कैंसर देखभाल की पहुंच में काफी सुधार होगा।
श्री गुप्ता ने कहा कि वह इस साल अतिरिक्त 10,000 सीटों और पांच साल में 75,000 सीटों के लक्ष्य के साथ चिकित्सा शिक्षा के विस्तार की भी सराहना करते हैं, जो न्यूरोलॉजी और अन्य महत्वपूर्ण विशेषताओं में प्रशिक्षित पेशेवरों की बढ़ती जरूरत को पूरा करता है। आयुष्मान भारत को मजबूत करना और टेलीमेडिसिन पहलों का विस्तार करना यह सुनिश्चित करेगा कि विशेष देखभाल ग् ीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचे। हम एक प्रभावी कार्यान्वयन की करते हैं जो स्वास्थ्य सेवा पहुंच में अंतर को पाट सके।
एशियन अस्पताल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एन. के. पांडे ने कहा कि कुल मिलाकर, इस बार का बजट स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए प्रगतिशील दिखता है। एक नई स्वास्थ्य सेवा अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सही नीतिगत पहल की आवश्यकता है और केंद्रीय बजट में बुनियादी ढांचे के विकास, क्षमता निर्माण, डिजिटल स्वास्थ्य, तकनीक-सक्षम सेवाओं और चिकित्सा पर्यटन पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया गया है। बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने से भी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को लाभ होगा। साथ ही 36 जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट एक ऐतिहासिक निर्णय है जो कैंसर और दुर्लभ बीमारियों जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज की लागत को कम करेगा।
इसके अलावा जिला अस्पतालों में 200 डेकेयर कैंसर केंद्र स्थापित करने की सरकार की योजना यह सुनिश्चित करेगी कि विशेष ऑन्कोलॉजी केयर छोटे शहरों और ग् ीण क्षेत्रों तक पहुंचे, जिससे प्रमुख अस्पतालों पर बोझ कम हो। आसान वीजा मानदंडों के माध्यम से चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा अंतरराष्ट्रीय रोगियों को आकर्षित करेगा, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में भारत की प्रतिष्ठा मजबूत होगी। ये पहल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के साथ मिलकर डिजिटल स्वास्थ्य सेवा को अपनाने को भी बढ़ावा देंगी। हम ऐसी नीतियों का स्वागत करते हैं जो सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करें तथा सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करें।
आकाश हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के लिए प्रावधान अपेक्षित ही हैं। केंद्रीय बजट ने भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक प्रगतिशील दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। एक नया स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम बनाने के लिए क्षमता निर्माण सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। इस वर्ष 10,000 मेडिकल सीटों को जोड़ने और अगले पांच वर्षों में 75,000 सीटों का लक्ष्य प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों की कमी को काफी हद तक दूर करेगा।
पीएसआरआई अस्पताल के डीजीएम फाइनेंस अनूप मेहरा ने कहा कि बजट ने साबित कर दिया है कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। मेडिकल ट्रैवल वैल्यू (मेडिकल टूरिज्म) इस क्षेत्र और देश के लिए मुख्य राजस्व कमाने वाला बन गया है। आसान वीजा मानदंडों द्वारा समर्थित मेडिकल टूरिज्म के लिए नए सिरे से किए गए प्रयास से महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ भी होंगे। वित्तीय दृष्टिकोण से ये उपाय स्वास्थ्य सेवा की सामर्थ्य में सुधार करेंगे और साथ ही इस क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देंगे। इन पहलों का एक सुनियोजित क्रियान्वयन उनकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
नर्चर आईवीएफ क्लीनिक की आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. अर्चना धवन बजाज ने कहा कि इस बार के बजट में कई परिवर्तनकारी पहलों की घोषणा की गई है, जो भारत में स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करती हैं। सरकार ने इस बार के बजट में पोषण 2.0 और सक्षम आंगनवाड़ी जैसे कार्यक्रम बढ़ती लागतों के बावजूद आठ करोड़ से अधिक बच्चों और एक करोड़ गर्भवती महिलाओं, माताओं और 20 लाख किशोरियों को पोषण सहायता प्रदान करना जारी रखा है, जो निश्चित रूप से सराहनीय कदम है।
जुपिटर अस्पताल, पुणे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाटनकर ने कहा कि बजट में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर सरकार का बढ़ता ध्यान सही दिशा में उठाया गया कदम है। इस वर्ष 10,000 और सीटों के साथ चिकित्सा शिक्षा का विस्तार ऑन्कोलॉजी और क्रिटिकल केयर सहित विशेषज्ञताओं में कुशल जनशक्ति की कमी को दूर करने में मदद करेगा। यह बजट इस बात की पुष्टि करता है कि हम क्षमता निर्माण के मामले में सही रास्ते पर हैं, जिसमें सरकार चिकित्सा शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है। अब 780 मेडिकल कॉलेजों के चालू होने के साथ, भारत अपने स्वास्थ्य सेवा कार्यबल को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है।
सिटी एक्स-रे एंड स्कैन क्लिनिक के सीईओ डॉ. आकार कपूर ने कहा कि डायग्नोस्टिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ है और बजट ने इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रगतिशील उपाय पेश किए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के माध्यम से टेलीमेडिसिन बुनियादी ढांचे का विस्तार डिजिटल निदान और एआई-संचालित रेडियोलॉजी सेवाओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।
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