बदायूं 27 जनवरी (कड़वा सत्य) केंद्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि बदांयू में एचपीसीएल के संपीडित बायोगैस संयंत्र (सीबीजी) में 100 एमटीपीडी चावल के भूसे की प्रसंस्करण क्षमता है और यह 65 एमटीपीडी ठोस खाद के साथ 14 एमटीपीडी सीबीजी उत्पन्न कर सकता है।
बदायूँ में सीबीजी संयंत्र एचपीसीएल द्वारा करीब 133 करोड़ रुपये के निवेश से चालू किया गया है और यह करीब 50 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को श्री हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के अग्रणी बायोमास-आधारित संपीडित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र का उद्घाटन बदांयू में किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, आंवला के सांसद धर्मेंद्र कश्यप, दातागंज के विधायक राजीव कुमार सिंह, बदायूं सदर के विधायक महेश चंद्र गुप्ता तथा एमओपीएनजी और यूपी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, जिसमें एचपीसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक तथा एचपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, उपस्थित थे।
इस सीबीजी संयंत्र का उद्घाटन केंद्र सरकार के आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने पर जोर देने के अनुरूप है। राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के हिस्से के रूप में, यह पहल दूसरी पीढ़ी (2जी) के जैव तेलशोधक कारखानों और संपीडित जैव-गैस संयंत्रों पर ध्यान देने के साथ, आयात निर्भरता को 10 प्रतिशत तक कम करने के सरकार के लक्ष्य में योगदान देती है।
श्री पुरी ने कहा कि उत्पादन स्थिर होने पर, बदांयू में सीबीजी संयंत्र 17,500-20,000 एकड़ खेतों में पराली जलाने की समस्या को कम करने में मदद करेगा, जिससे सालाना 55,000 टन कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी और लगभग 100 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रूप से रोजगार और लगभग 1000 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पैदा होगा। उन्होने कहा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में 100 से ज्यादा ऐसे बायो गैस संयंत्र लगाए जाएंगे।
मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), स्मार्ट सिटी मिशन, पीएम स्वनिधि योजना समेत केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश के प्रदर्शन की सराहना की। श्री पुरी ने पिछले 9.5 वर्षों में उत्तर प्रदेश में तेल और गैस क्षेत्र की प्रगति का एक स्नैपशॉट प्रदान किया। उन्होंने पेट्रोल पंपों, एलपीजी वितरकों, पीएनजी कनेक्शन, सीएनजी स्टेशनों, एलपीजी कनेक्शन आदि की संख्या के मामले में राज्य की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला।
प्रदीप