मुंबई 06 सितंबर (कड़वा सत्य) भारत की बैंकिंग प्रणाली आज एक मजबूत स्थिति में है और 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर जीडीपी हासिल करने की भारत की महत्वाकांक्षा के लिए वित्तीय सेवा क्षेत्र में 20 गुना वृद्धि की आवश्यकता होगी, जिसमें बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। फिक्की और आईबीए ने बीसीजी के साथ मिलकर कल फीबैक 2024 में ‘बैंकिंग फॉर ए विकसित भारत’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की जिसमें यह बात कही गयी है। इसमें कहा गया है कि इसकी विशेषता उच्च लाभप्रदता, मजबूत पूंजी पर्याप्तता और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का निम्न स्तर है। भविष्य की वृद्धि के लिए बैंकों में 4 लाख करोड़ डॉलर के पूंजी आधार की आवश्यकता होगी, जिसमें से एक तिहाई हिस्सा नई पूंजी निवेश के रूप में होगा।
रिपोर्ट के अनुसार भारत, मुख्य रूप से बैंक-नेतृत्व वाली अर्थव्यवस्था होने के कारण, बैंकिंग क्षेत्र को एक प्रमुख भूमिका निभाने की आवश्यकता होगी, जबकि अन्य वित्तीय परिसंपत्ति वर्ग बहुत तेजी से बढ़ते रहेंगे। भारत की बैंकिंग प्रणाली आज एक मजबूत स्थिति में है – जिसकी विशेषता उच्च लाभप्रदता, मजबूत पूंजी पर्याप्तता और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का निम्न स्तर है। यह विकसित भारत मिशन के लिए एक आदर्श लॉन्चपैड प्रदान करता है।













