नयी दिल्ली/ वाशिंगटन 17 जनवरी (कड़वा सत्य) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने विश्व के आर्थिक परिदृष्य पर इस वर्ष के अपने पहले अनुमान- वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ-अपटेड), जनवरी 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2025 और 2026 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
भारत के बारे में आईएमएफ का यह अनुमान गत अक्टूबर की इस रिपोर्ट के ही समान है। इस तरह भारत सबसे तेज वृद्धि कर रही अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
विश्व बैंक के गुरुवार को जारी वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट (जीईपी) में वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 में भारत की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने और विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
आईएमएफ की शुक्रवार को जारी डब्ल्यूईओ-अपडेट , जनवरी 2025 रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व अर्थव्यवस्था वृद्धि के बारे में ताजा अनुमान मोटे तौर पर अक्टूबर, 2024 में जारी पिछली रिपोर्ट जैसे ही हैं। ताजा रिपोर्ट में 2025 और 2026- दोनों वर्ष के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले 2000-19 के दौरान दर्ज 3.7 प्रतिशत दीर्घकालिक औसत वार्षिक वृद्धि से कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका की अर्थव्यस्था के अनुमान में पहले की तुलना में सुधार के चलते कुछ प्रमुख अर्थव्यस्थाओं में गिरावट की भरपाई हो जाएगी। वर्ष 2025 में अमेरिका की वृद्धि 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जो अक्टूबर के अनुमान की तुलना में 0.5 अंक अधिक है। वर्ष 2026 में अमेरिका की वृद्धि इस वर्ष से कुछ कम होने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 2025 और 2026 में विकास प्रदर्शन में गिरावट आने की उम्मीद है। यह अक्टूबर के अनुमान से मेल खाता है। रिपोर्ट में चीन के लिए 2025 की वृद्धि के अनुमान गत नवंबर के प्रोत्साहन पैकेज के सकारात्मक प्रभावों का लाभ इस वर्ष भी मिलते रहने की संभावनाओं को देखते 0.1 अंक बढ़ाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि 2026 में विश्व की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि दर के अनुमान को व्यापार नीति संबंधी अनिश्चतताओं के प्रभाव के कारण घटा कर 4.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
भारत में 2025 और 2026 में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो अक्टूबर के अनुमानों के समान ही है।
पश्चिम एशिया और मध्य एशिया क्षेत्र में इस वर्ष आर्थिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है, पर सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में 1.3 प्रतिशत की बड़ी संभावित कटौती के कारण क्षेत्र की वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रहेगी।
यूरो क्षेत्र की 2025 की वृद्धि दर के अनुमान को भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के प्रभाव के चलते 0.2 अंक कम कर एक प्रतिशत कर दिया गया है। वर्ष 2026 में यूरो मुद्रा क्षेत्र के देशों घरेलू मांग और वित्तीय बाजारों में सुधार तथा अनिश्चितताएं कम होने और विश्वास बढ़ने की संभावनाओं के साथ क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ा कर 1.4 प्रतिशत कर दिया गया है।
रिपोर्ट में अनुमान है कि वैश्विक खुदरा मुद्रास्फीति 2025 में नरम हो कर औसतन 4.2 प्रतिशत और 2026 में 3.5 प्रतिशत रहेगी। इसमें कहा गया है कि उभरते और विकासशील बाजारों की तुलना में विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का लक्ष्य पर जल्दी हासिल होने की उम्मीद है, लेकिन यह वृद्धि अनुमान से अधिक धीमी गति से होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यकालिक वृद्धि से वैश्विक आर्थिक वृद्धि में नरमी आने के जोखिम अधिक हैं जबकि अल्पकालिक अनुमान अलग-अलग दिशा जोखिमों से प्रभावित हैं। अल्पकाल में अमेरिका में पहले से मजबूत चल रही वृद्धि दर के और मजबूत होने के आसार हैं जबकि कुछ अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि के अनुमान कम होने का खतरा अधिक है।
आईएमएफ ने जोखिमों का सामना करने के लिए मुद्रास्फीति और वास्तविक आर्थिक गतिविधियों की गति के लक्ष्यों के बीच संतुलन रखने, अनिश्चितताओं से निपटने के लिए बफर को फिर मजबूत करने तथा मध्यावधिक वृद्धि से आर्थिक वृद्धि की संभावनओं को मजबूत करने की अवश्यकता पर बल दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय मुद्रास्फीति को नीचे लाने की प्रक्रिया के समक्ष नीति-जनित हस्तक्षेपों के जोखिम हैं और नीतियां कर्ज सस्ता करने पर केंद्रित हो सकती हैं। ऐसा होने पर राजकोषीय मजबूती और वित्तीय बाजारों की स्थिरता पर असर पड़ेगा।
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