• Newsletter
  • About us
  • Contact us
Friday, July 25, 2025
30 °c
New Delhi
slide 1 to 2 of 2
35 ° Sat
33 ° Sun
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home देश

भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं छोटे किसान : मोदी

News Desk by News Desk
August 3, 2024
in देश
भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं छोटे किसान : मोदी
Share on FacebookShare on Twitter

नयी दिल्ली, 03 अगस्त (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में छोटे किसानों को देश की खाद्य सुरक्षा की ताकत बताते हुए शनिवार को कहा कि भारतीय कृषि की विविधता इस देश को विश्व की खाद्य सुरक्षा के लिए   की किरण बनाती है। श्री मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित “कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएई)” का उद्घाटन करते हुये ये बातें कहीं।
यह सम्मेलन भारत में 65 साल बाद आयोजित किया गया है। सात दिवसीय इस सम्मेलन में दुनिया भर के करीब 1000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिसमें 40 प्रतिशत से अधिक महिला प्रतिनिधि हैं। श्री मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि 65 साल पहले जब भारत ने मैसूर में इस सम्मेलन का आयोजन किया था। उस समय भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया की चिंता का विषय था, आज भारत दुनिया की खाद्य सुरक्षा की चिंता कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व की चुनौतियों को एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के समग्र दृष्टिकोण से ही ही निपटा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 65 साल पहले जब आईसीएई की कॉन्फ्रेंस यहां हुई थी, तो भारत नया-नया आजाद हुआ था और देश की खाद्य सुरक्षा और भारत की कृषि “दुनिया की चिंता का विषय था।” आज भारत, अपनी जरूरत से अधिक अन्न पैदा करने वाला देश है। आज भारत, दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत अनाज, फल, सब्जियों, कपास, चीनी, चाय, जलीय मछली का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। ‘एक वो समय था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा, दुनिया की चिंता का विषय था। एक आज का समय है, जब भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है।’ इसलिए, ‘फूड सिस्टम ट्रांसफॉर्मेशन’ ( खाद्य प्रणाली का कायाकल्प) जैसे विषय पर चर्चा करने के लिए भारत के अनुभव बहुमूल्य हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ विशेषकर ग्लोबल साउथ को मिलना तय है।
उद्घाटन सत्र को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, कृषि वैज्ञानिकों के अंतराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएई) के अध्यक्ष डॉक्टर मतीन कैम और नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “कृषि क्षेत्र भारत की आर्थिक नीति में केंद्रीय महत्व रखता है। हमारे यहां, करीब 90 प्रतिशत कृषक परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बहुत कम जमीन है। ये छोटे किसान ही भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं। यही स्थिति एशिया के कई विकासशील देशों में है। इसलिए, भारत का मॉडल कई देशों के काम आ सकता है।”
उन्होंने कहा कि स्वस्थ कृषि के लिए भारत में बड़े पैमाने पर रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसके अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में भी स्वस्थ और जलवायु परिवर्तन को सहन करने में समर्थ कृषि पर बड़े पैमाने पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा, “हम अपने किसानों का सहयोग करने के लिए एक पूरा वातावरण विकसित कर रहे हैं। भारत का बहुत जोर जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील फसलों से जुड़ी अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने पर है।”
श्री मोदी ने प्रतिनिधियों को बताया कि बीते 10 वर्षों में भारत ने फसलों की करीब 900 ऐसी नयी किस्मों का विकास कर उनको किसानों का दिया है जो वातावरण के बढ़ते तापमान को सहन करने में समर्थ हैं। अपने किसानों को दी हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे यहाँ धान की कुछ किस्में ऐसी भी हैं, जिनको परंपरागत किस्मों के मुकाबले, एक चौथाई कम पानी चाहिए।”
भारतीय कृषि की विविधता को विश्व की खाद्य सुरक्षा के लिए   की किरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैदानी इलाकों की खेती अलग है.. हिमालय की खेती अलग है…मरुभूमि…शुष्क मरुप्रदेश की खेती अलग है…जहां पानी कम होता है, वहां की खेती अलग है….औऱ तटीय क्षेत्रों की खेती अलग है। ये जो विविधता है, यही वैश्विक खाद्य की सुरक्षा के लिए के लिए भारत को उम्मीद की किरण बनाती है। भारत में हम आज भी छह मौसम को ध्यान में रखते हुए सबकुछ योजनबद्ध तरीके से करते हैं। हमारे यहां 15 अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्र हैं, जिनकी अपनी खासियत है। भारत में अगर आप कुछ 100 किलोमीटर की दूरी तय करें, तो खेती बदल जाती है।”
उन्होंने कहा कि आज के समय में पानी की कमी और जलवायु परिवर्तन के साथ ही पोषण भी एक बड़ी चुनौती है। इसका समाधान भी भारत के पास है। भारत, ज्वार बाजारा का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। जिन्हें दुनिया सुपरफूड कहती है और उसे हमने श्री अन्न की पहचान दी है। ये ज्वारबाजार की खेती न्यूनतम पानी , अधिकतम उपज के सिद्धांत पर चलते हैं। भारत के अलग-अलग सुपरफूड, पोषण की समस्या का समाधान करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि जीवन और अन्न को लेकर, भारत की ज्ञान परंपरा हज़ारों वर्ष प्राचीन है। उसके आधार पर देश में खेती-बाड़ी का विकास हुआ है। भारत में करीब दो हज़ार वर्ष पहले “कृषि पराशर” नाम से जो ग्रंथ लिखा गया था, वो पूरे मानव इतिहास की धरोहर है। ये वैज्ञानिक खेती का एक विषद ग्रंथ है, जिसका अब अनुवाद भी मिल सकता है। इस ग्रंथ में कृषि पर ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव… बादलों के प्रकार…वर्षा को नापने का तरीका और भविष्यवाणी, वर्षाजल संभरण…जैविक खाद…पशुओं की देखभाल, बीज की सुरक्षा कैसे की जाए, भंडारण कैसे किया जाए… ऐसे अनेक विषयों पर इस ग्रंथ में विस्तार से बताया गया है। इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए भारत में कृषि से जुड़ी शिक्षा और अनुसंधान का एक मजबूत इकोसिस्टम बना हुआ है। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत कृषि शिक्षा और अनुसंधान के विशाल नेटवर्क पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारत में 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र हैं, जो किसानों तक नई टेक्नॉलॉजी पहुंचाने में मदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व बंधु के तौर पर, मानवता के कल्याण को सर्वोपरि रखता है। जी-20 के दौरान भारत ने ‘एक धरती, एक परिवार, और एक भविष्य’ का विजन सामने रखा था। भारत ने पर्यावरण को बचाने के लिए जीवन शैली में बदलाव के लिए या मिशन लाइफ का मंत्र भी दिया।
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024- 25 के बजट में भारतीय कृषि प्रणाली को नैसर्गिक दृष्टि से स्वस्थ और जलवायु परिवर्तन के समक्ष जुझारू बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का भी उल्लेख किया। उन्होंने सम्मेलन के प्रतिनिधियों को भारत में मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, ड्रोन दीदी, इलेक्ट्रॉनिक कृषि मंडी और किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 10 करोड़ किसानों को डिजिटल तरीके से किया जा रहे भुगतान जैसी अनेक पहल कभी उल्लेख किया। श्री मोदी ने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन की चर्चाओं से किसी को स्वस्थ बनने की चुनौतियों के विषय में महत्वपूर्ण सुझाव सामने आएंगे और हमें एक दूसरे के अनुभव से सीखने का लाभ मिलेगा।
श्री मोदी ने अपने संबोधन के प्रारंभ में देश के 12 करोड़ किसानों और पशुपालकों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा, “आप उस देश में हैं, जहां 55 करोड़ पशु पाले जाते हैं। कृषि प्रधान देश भारत में, जीव  ी भारत में आपका स्वागत है, अभिनंदन है।”
श्री मोदी ने कहा भारत जितना प्राचीन है, उतनी ही प्राचीन कृषि और खाद्य को लेकर हमारी मान्यताएं हैं, हमारे अनुभव हैं। और भारतीय कृषि परंपरा में, विज्ञान को, तर्क को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि आज अन्न और पोषण को लेकर इतनी चिंता दुनिया में हो रही है। लेकिन हज़ारों साल पहले हमारे ग्रंथों में कहा गया है- अन्नं हि भूतानां ज्येष्ठम्, तस्मात् सर्वौषधं उच्यते। अर्थात्, सभी पदार्थों में अन्न श्रेष्ठ है, इसीलिए अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप, उनका मूल कहा गया है। हमारे अन्न को औषधीय प्रभावों के साथ इस्तेमाल करने का पूरा आयुर्वेद विज्ञान है। ये पारंपरिक ज्ञान प्रणाली भारत के समाज जीवन का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एक दशक में हमने खेती को आधुनिक टेक्नॉलॉजी से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। आज, एक किसान मृदास्वास्थ्यकार्ड की मदद से ये जान सकता है कि उसे क्या उगाना है। वह सोलर पावर की मदद से पंप चलाता है और बंजर भूमि में सोलर पंप से सींचाई हो रही है। किसान वो ई-नाम इलेक्ट्रानिक कृषि मंडल मंचसे अपनी पैदावार को बेच सकता है, वो किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग करता है। वो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से अपनी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। किसानों से लेकर कृषि स्टार्टअपतक, नैचुरल फार्मिंग से लेकर फर्मस्टे और फार्म-टू-टेबल की व्यवस्था तक, भारत में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र लगातार संगठित क्षेत्र का रूप ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भारत में पिछले दस वर्षों में ही 90 लाख हेटक्टेयर क्षेत्र को माइक्रो सिंचाई से जोड़ा गया है। हमारे पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के कार्यक्रम से भी खेती और पर्यावरण दोनों को लाभ हो रहा है। पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने के लक्ष्य की ओर प्रगति तेज है।
उन्होंने सम्मेलन को बताया कि भारत में कृषि क्षेत्र में डिजिटल टेक्नॉलॉजी का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से, एक क्लिक पर 10 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 30 सेकेंड में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। सरकार फसलों के डिजिटल सर्वे के लिए सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना बना रही हैं जिससे किसानों को अपनी फसल की स्थिति के बारे में सीधी सूचना मिलेगी और वे तथ्य के आधार पर फसलों के लिए उपयुक्त उपाया और उपचार कर सकेंगे। उन्होंने कहा, “हमारी इस पहल से करोड़ों किसानों को फायदा होगा, उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी।”
प्रधानमंत्री ने कृषि भूमि के रिकार्ड के डिजिटलीकरण अभियान, खेती में ड्रोन के उपयोगकी भी जानकारी दी और कहा कि इन अनुपयोगों से विश्व को भी लाभ हो सकता है।
 ,  
कड़वा सत्य

Tags: BiggestfarmersFood SecurityIndiaNew DelhipowerPrime Minister Narendra Modismallकिसानखाद्य सुरक्षाछोटेताकतनयी दिल्लीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीबड़ीभारतसबसे
Previous Post

किंग के मोनोपोली मूव्स कॉन्सर्ट ने मचाई धूम

Next Post

क्वार्टर फाइनल में कोरियन प्रतिद्वंदी से पार नहीं पा सकी दीपिका

Related Posts

Delhi-Mumbai Expressway Accident: Delhi-Mumbai Expressway पर बड़ा सड़क हादसा, मिनी बस ट्रक से टकराई, , 4 की मौत, 10 घायल
देश

Delhi-Mumbai Expressway Accident: Delhi-Mumbai Expressway पर बड़ा सड़क हादसा, मिनी बस ट्रक से टकराई, , 4 की मौत, 10 घायल

July 14, 2025
India-Pakistan Tension: LOC पर पाकिस्तानी गोलीबारी के बाद भारत एक्शन मोड में, बड़ा सैन्य कदम कभी भी संभव!
देश

India-Pakistan Tension: LOC पर पाकिस्तानी गोलीबारी के बाद भारत एक्शन मोड में, बड़ा सैन्य कदम कभी भी संभव!

April 29, 2025
अंबेडकर की प्रतिमा के साथ हुई बर्बरता की जांच के लिए गठित पैनल ने की एनआईए से पड़ताल की सिफारिश
देश

अंबेडकर की प्रतिमा के साथ हुई बर्बरता की जांच के लिए गठित पैनल ने की एनआईए से पड़ताल की सिफारिश

February 6, 2025
पिता संग महाकुम्भ पहुंचीं साइना नेहवाल
खेल

पिता संग महाकुम्भ पहुंचीं साइना नेहवाल

February 5, 2025
दिल्ली में 13:00 बजे तक 33.31 प्रतिशत मतदान
देश

दिल्ली में 13:00 बजे तक 33.31 प्रतिशत मतदान

February 5, 2025
सचदेवा, वर्मा सहित भाजपा के कई नेताओं ने किया मतदान, लोगों से की लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लेने की अपील
देश

सचदेवा, वर्मा सहित भाजपा के कई नेताओं ने किया मतदान, लोगों से की लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लेने की अपील

February 5, 2025
Next Post
क्वार्टर फाइनल में कोरियन प्रतिद्वंदी से पार नहीं पा सकी दीपिका

क्वार्टर फाइनल में कोरियन प्रतिद्वंदी से पार नहीं पा सकी दीपिका

New Delhi, India
Friday, July 25, 2025
Mist
30 ° c
84%
13.7mh
39 c 33 c
Sat
36 c 29 c
Sun

ताजा खबर

Saiyaara OTT Release: Netflix पर कब आएगी अहान पांडे की 150 करोड़ वाली ब्लॉकबस्टर, ओटीटी रिलीज को लेकर आई बड़ी अपडेट

Saiyaara OTT Release: Netflix पर कब आएगी अहान पांडे की 150 करोड़ वाली ब्लॉकबस्टर, ओटीटी रिलीज को लेकर आई बड़ी अपडेट

July 24, 2025
8th Pay Commission: पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत की उम्मीद, कम्यूटेड पेंशन बहाली की अवधि घट सकती है 12 साल तक

8th Pay Commission: पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत की उम्मीद, कम्यूटेड पेंशन बहाली की अवधि घट सकती है 12 साल तक

July 24, 2025
Zomato Ambulance Service: अब 10 मिनट में मिलेगी जान बचाने वाली मदद, कंपनी खुद करेगी पैरामेडिक्स की ट्रेनिंग

Zomato Ambulance Service: अब 10 मिनट में मिलेगी जान बचाने वाली मदद, कंपनी खुद करेगी पैरामेडिक्स की ट्रेनिंग

July 24, 2025
India-UK FTA 2025: भारत-UK में ऐतिहासिक ट्रेड डील, ब्रिटिश प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते, हजारों IT प्रोफेशनल्स को मिलेगा यूके में काम

India-UK FTA 2025: भारत-UK में ऐतिहासिक ट्रेड डील, ब्रिटिश प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते, हजारों IT प्रोफेशनल्स को मिलेगा यूके में काम

July 24, 2025
Delhi High Court on One Stop Centres: दिल्ली हाई कोर्ट का फटकार भरा आदेश! सखी केंद्रों की बदहाली पर सरकार-पुलिस को दिए कड़े निर्देश

Delhi High Court on One Stop Centres: दिल्ली हाई कोर्ट का फटकार भरा आदेश! सखी केंद्रों की बदहाली पर सरकार-पुलिस को दिए कड़े निर्देश

July 24, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • Newsletter
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved