• About us
  • Contact us
Tuesday, October 14, 2025
20 °c
New Delhi
28 ° Wed
29 ° Thu
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home देश

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विस्तार के लिए मंत्रिमडल ने लिए महत्वपूर्ण निर्णय

News Desk by News Desk
September 19, 2024
in देश
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विस्तार के लिए मंत्रिमडल ने लिए महत्वपूर्ण निर्णय
Share on FacebookShare on Twitter

नयी दिल्ली, 18 सिंतबर (कड़वा सत्य) केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान-4 मिशन से संबंधित कुल 2104.06 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को बुधवार को मंजूरी।
कुल तीन वर्ष में पूरा किए जाने वाला यह मिशन 2040 तक चंद्र-तल पर भारती मिशन को उतारने और उसे सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस आने के लिए मूलभूत प्रौद्योगिकी क्षमताओं को हासिल करने की विकासमान प्रौद्योगिकी श्रृंखला की कड़ी है।
मंत्रिमंडल ने शुक्र परिक्रमा-यान मिशन (वीओएम) और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (एनजीएलवी) के विकास तथा गगनयान कार्यक्रम का दायरा बढ़ाते हुए भारतीय अंतरिक्ष केंद्र की पहली इकाई के निर्माण के प्रस्तावों को भी स्वीकृति दे दी है और इसका बजट बढ़ा कर 20193 करोड़ रुपये कर दिया गया है ।
वीओएम लिए कुल 1236 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 824.00 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे।
सरकार का कहना है कि चंद्रयान-4 , चंद्रयान-3 तक हासिल प्रौद्योगिकी से आगे की प्रौद्योगिकी क्षमता को प्रदर्शित करने का मिशन है ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी एवं रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस मिशन में चंद्रमा पर उताने के बाद उसे पृथ्वी पर वापस आने में प्रयोग होने वाली प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करने के साथ चंद्रमा से नमूने लाकर, पृथ्वी पर उनका विश्लेषण किया जाएगा।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार चंद्रयान -4 मिशन दरअसल, डॉकिंग/अनडॉकिंग, लैंडिंग, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी और चंद्रमा के नमूना संग्रह और उनके विश्लेषण को पूरा करने के लिए ज़रुरी प्रमुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा।
सरकार ने अंतरिक्ष कार्यक्रम का विस्तारित खाका तैयार किया है, जिसके तहत वर्ष 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष केंद्र और 2040 तक चंद्रमा पर मानव टोली सहित भारत की लैंडिंग की परिकल्पना की गई है।
उल्लेखनीय है कि चद्रमा के दक्षिण ध्रवु क्षेत्र में चंद्रयान -3 लैंडर को उतार कर भारत ने कुछ महत्वपूर्ण अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को साध लिया है। ऐसे प्रौद्योगिकी केवल कुछ ही देशों के पास है। चंद्रमा के नमूने एकत्र करने और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की स्थापित क्षमता अभी अमेरिका और रूस जैसे कुछ ही देशों के पास है।
चंद्रयान-4 के विकास और प्रक्षेपण की जिम्मेदारी इसरो की होगी।उद्योग और शिक्षाविदों की भागीदारी की मदद से, अनुमोदन के 36 महीनों के भीतर मिशन के पूरा होने की उम्मीद है। इसमें सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से विकसित करने की परिकल्पना की गई है।
श्री वैष्णव ने कहा कि मिशन को विभिन्न उद्योगों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में भी इससे रोजगार की उच्च संभावना पैदा होगी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।
प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन “चंद्रयान -4” के लिए लागत में अंतरिक्ष यान का निर्माण, एलवीएम 3 के दो लॉन्च वाहन मिशन, बाह्य गहन अंतरिक्ष नेटवर्क का समर्थन और डिजाइन सत्यापन के लिए विशेष परीक्षण आयोजित करना, और अंत में चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के मिशन और चंद्रमा के नमूने एकत्रित कर उनकी पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी शामिल हैं।
चंद्रयान-4 विज्ञान बैठकों और कार्यशालाओं के माध्यम से भारतीय शिक्षा जगत को इससे जोड़ने की योजना पहले से ही तैयार है।
मंत्रिमंडल ने शुक्र परिक्रमा-यान मिशन (वीओएम) के विकास को भी मंजूरी प्रदान की है, जो चंद्रमा और मंगल से परे शुक्र ग्रह के अन्वेषण और अध्ययन के सरकार के विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
शुक्र, जिसके बारे में माना जाता है कि यह कभी रहने योग्य हुआ करता था और काफी हद तक पृथ्वी के समान था, ऐसे में शुक्र के परिवर्तन के अंतर्निहित कारणों का अध्ययन शुक्र और पृथ्वी दोनों बहन ग्रहों के विकास को समझने में महत्वपूर्ण रूप से सहायक होगा। इस अभियान के लिए अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण का दायित्व भी इसरो का ही होगा। इस मिशन के मार्च 2028 के दौरान उपलब्ध अवसर पर पूरा होने की संभावना है।
यह मिशन भारत को विशालतम पेलोड को उपयुक्त कक्षा में उपग्रह को छोड़ने सहित भविष्य के ग्रह संबंधी मिशनों में सक्षम बनाएगा। ऐसे अंतरिक्ष यान और प्रक्षेपण यान के विकास के दौरान भारतीय उद्योग की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी।
श्री वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमडल ने गगनयान कार्यक्रम का दायरा बढ़ाते हुए भारतीय अंतरिक्ष केंद्र की पहली इकाई के निर्माण को स्वीकृति दे दी है।
संशोधित दायरे के साथ गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल वित्त पोषण को बढ़ाकर 20193 करोड़ रुपये कर दिया गया है। पहले इसका बजट 11170 करोड़ रुपये था।
श्री वैषणव ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस-1) के पहले मॉड्यूल के विकास और भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस) के निर्माण और संचालन के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने और मान्यता प्रदान करने के मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार बीएएस और पूर्ववर्ती मिशनों के लिए नए विकास और वर्तमान में जारी गगनयान कार्यक्रम को पूरा करने के लिए अतिरिक्त आवश्यकताओं को शामिल करने के लिए गगनयान कार्यक्रम के दायरे और वित्त पोषण को संशोधित किया गया है। इसके तहत गगनयान कार्यक्रम के विकास के लिए एक अतिरिक्त मानव रहित मिशन और अतिरिक्त हार्डवेयर की जरूरत को ध्यान में रखा गया है।
सरकार ने कहा है कि अब प्रौद्योगिकी विकास और प्रदर्शन का मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम आठ मिशनों के माध्यम से दिसंबर 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस -1) की पहली इकाई को शुरू करके पूरा किया जाना है।
दिसंबर 2018 में स्वीकृत गगनयान कार्यक्रम में मानव अंतरिक्ष उड़ान को पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) तक ले जाने और लंबे समय में भारतीय मानव अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों की नींव रखने की परिकल्पना की गई है। इसमें वर्ष 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष केंद्र का विकास और वर्ष 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ चंद्र मिशन सहित अन्य पहलू शामिल हैं।
 , 
कड़वा सत्य

Tags: approvalcabinetChandrayaan-4 missionNew Delhiproposalsrelatedtotal Rs 2104.06 croreunionकुल 2104.06 करोड़ रुपयेकेन्द्रीयचंद्रयान-4 मिशननयी दिल्लीप्रस्तावोंमंजूरीमंत्रिमंडलसंबंधित
Previous Post

हिमेश रेशमिया के पिता एवं संगीत निर्देशक विपिन रेशमिया का निधन

Next Post

मालविका ने पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता तुनजुंग को हराया

Related Posts

Breaking News: सरकारी एम एस एम ई पत्रिका बनी गलतियों का पिटारा! प्रधानमंत्री की तस्वीर से मजाक !
देश

Breaking news: एम एस एम ई मंत्रालय की पत्रिका ने राष्ट्रपति को भी हंसी का पात्र बनाया !

August 27, 2025
Aadhaar-UAN Link: EPFO ने किया प्रोसेस बेहद आसान, अब 7 स्टेप में तुरंत होगा काम
अभी-अभी

Aadhaar-UAN Link: EPFO ने किया प्रोसेस बेहद आसान, अब 7 स्टेप में तुरंत होगा काम

August 17, 2025
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का बड़ा आरोप, ‘अगर न्याय नहीं मिला तो मर जाएगा लोकतंत्र’, सुप्रीम कोर्ट से की यह अपील
देश

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का बड़ा आरोप, ‘अगर न्याय नहीं मिला तो मर जाएगा लोकतंत्र’, सुप्रीम कोर्ट से की यह अपील

August 14, 2025
ट्रंप का बड़ा वार: भारत पर 50% टैरिफ! रूस से तेल खरीद पर अमेरिका ने उठाया सख्त कदम, सरकार बोली- लेंगे जवाबी एक्शन
अभी-अभी

ट्रंप का बड़ा वार: भारत पर 50% टैरिफ! रूस से तेल खरीद पर अमेरिका ने उठाया सख्त कदम, सरकार बोली- लेंगे जवाबी एक्शन

August 6, 2025
Petrol Diesel Price Today: हर सुबह बदलते हैं तेल के दाम, जानिए आज आपके शहर में कितने का मिल रहा पेट्रोल-डीजल
देश

Petrol Diesel Price Today: हर सुबह बदलते हैं तेल के दाम, जानिए आज आपके शहर में कितने का मिल रहा पेट्रोल-डीजल

July 28, 2025
IND vs ENG: इंग्लैंड के हाथ से कैसे फिसला जीता हुआ मैच? जानें ड्रा के पीछे की कहानी
देश

IND vs ENG: इंग्लैंड के हाथ से कैसे फिसला जीता हुआ मैच? जानें ड्रा के पीछे की कहानी

July 28, 2025
Next Post
मालविका ने पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता तुनजुंग को हराया

मालविका ने पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता तुनजुंग को हराया

New Delhi, India
Tuesday, October 14, 2025
Mist
20 ° c
94%
3.6mh
32 c 24 c
Wed
33 c 25 c
Thu

ताजा खबर

भिलाई में लहराया पंजाब का परचम! छत्तीसगढ़ ने गतका चैंपियनशिप में उपविजेता बनकर जीता दिल

भिलाई में लहराया पंजाब का परचम! छत्तीसगढ़ ने गतका चैंपियनशिप में उपविजेता बनकर जीता दिल

October 13, 2025
WJAI के डिजिटल भारत समिट में चमका बिहार का नाम! शिक्षाविद जीडी ज्ञानी और मीडिया कम्युनिकेशन दिग्गज भास्कर झा हुए सम्मानित”

WJAI के डिजिटल भारत समिट में चमका बिहार का नाम! शिक्षाविद जीडी ज्ञानी और मीडिया कम्युनिकेशन दिग्गज भास्कर झा हुए सम्मानित”

October 13, 2025
मीडिया की सुचिता पर बोले अश्विनी चौबे! सुनील गावस्कर ने की WJAI की सराहना, डिजिटल भारत समिट में दिखी नई दिशा

मीडिया की सुचिता पर बोले अश्विनी चौबे! सुनील गावस्कर ने की WJAI की सराहना, डिजिटल भारत समिट में दिखी नई दिशा

October 13, 2025
एम एस एम ई मंत्रालय में सिरदर्द बना आर टी आई वरिष्ठ अधिकारी भी लापरवाह !

एम एस एम ई मंत्रालय में सिरदर्द बना आर टी आई वरिष्ठ अधिकारी भी लापरवाह !

October 12, 2025
सभ्यता की नींव पर सौदे की दीवार

सभ्यता की नींव पर सौदे की दीवार

October 11, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved