नयी दिल्ली 30 जनवरी (कड़वा सत्य) राष्ट्रीय राजधानी स्थित लाल किला परिसर में मंगलवार को आयोजित “भारत पर्व” में आगंतुकों ने जहां उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प लोक संस्कृति एवं खान-पान का लुत्फ उठाया वहीं दूसरी ओर राज्य की झांकी की थीम “विकसित उत्तराखण्ड” काे समारोह स्थल में प्रदर्शित किया गया।
इस महोत्सव में उत्तराखण्ड की झांकी “विकसित उत्तराखण्ड” आगंतुकों के बीच मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। झांकी के अग्र भाग में उत्तराखण्ड की महिला को पारम्परिक वेशभूषा में स्वागत करते हुए दिखाया गया है और पारम्परिक व्यंजन मंडूवा, झंगोरा, रामदाना एवं कौणी की खेती अथवा राज्य पक्षी मोनाल को दर्शाया गया है। झांकी के मध्य भाग में होम स्टे को दिखाया गया है और इस योजना से हजारों ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है।
इसके आलावा राज्य के पारम्परिक व्यंजनों (भट्ट का हलवा, नन्दा थाली, झंगोरें की खीर) को शेफ द्वारा प्रदर्शित किया गया जिसका भारत पर्व में आये दर्शकों ने पारम्परिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया एवं दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया। आगुन्तक के द्वारा “भारत पर्व” में उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा उत्तराखण्डी सामूहिक लोकगीत एवं नन्दा राजजात, छपेली, पन्यारी, जौनसारी नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
उल्लेखनीय है कि भारत पर्व में हमें विभिन्न कार्यक्रमों और मंडपों के जरिए देश की संस्कृति एवं विरासत को जानने का मौका मिलता है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष भारत पर्व का आयोजन किया जाता है। भारत पर्व भी गणतंत्र दिवस का ही हिस्सा है, जिसका आयोजन लाल किले के समीप किया जाता है। भारत पर्व का मुख्य उद्देश्य लोगों को भारतीय संस्कृति और विरासत से रूबरू कराना होता है। इस बार भी भारत पर्व के दौरान कई पंडाल लगाए जा रहे हैं, जिनमें तरह-तरह की संस्कृतियों और कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। भारत पर्व आयोजन में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद्, संस्कृति विभाग, हस्तशिल्प उद्योग विभाग द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
इस अवसर पर सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक/झांकी के नोडल अधिकारी श्री के. एस. चौहान, मीडिया समन्वयक मुख्यमंत्री मदन मोहन सत्ती और जनसम्पर्क अधिकारी पर्यटन श्री कमल किशोर जोशी उपस्थित थे।
अभिनव, उप्रेती