नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (कड़वा सत्य) भारत और सिंगापुर ने अपनी पहली साइबर नीति कड़वा सत्य आयोजित की, जो इस वर्ष सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान जारी संयुक्त वक्तव्य में शामिल प्रमुख क्षेत्रों में से एक है।
सिंगापुर में गुरुवार को आयोजित कड़वा सत्य की सह-अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्रालय के साइबर कूटनीति के संयुक्त सचिव अमित ए शुक्ला और सिंगापुर की साइबर सुरक्षा एजेंसी के मुख्य कार्यकारी डेविड कोह ने की।
एक बयान में कहा गया कि कड़वा सत्य के दौरान, दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में वैश्विक साइबर संवाद में साइबर खतरे के परिदृश्य, राष्ट्रीय साइबर रणनीतियां एवं नीतियां, खतरों का आकलन और नीतियां एवं विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
इस संवाद में साइबर खतरे की चेतावनियों और प्रतिक्रियाओं, अनुभवों के आदान-प्रदान और विशेष रूप से महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना और संयुक्त क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण गतिविधियों की सुरक्षा में सर्वोत्तम प्रथाओं के संबंध में द्विपक्षीय सहयोग का भी पता लगाया गया।
प्रधानमंत्री की सिंगापुर यात्रा (04-05 सितंबर, 2024) के अवसर पर जारी भारत-सिंगापुर संयुक्त वक्तव्य में सन्निहित भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय सहयोग के लिए डिजिटलीकरण स्तंभ में साइबर स्पेस प्रमुख क्षेत्रों में से एक है।
बयान में कहा गया कि द्विपक्षीय कड़वा सत्य इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे भारत और सिंगापुर के बीच साइबर स्पेस सहयोग के संभावित और व्यावहारिक क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के नए प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर सिंगापुर का दौरा किया था, इस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक आगे बढ़ाया था और कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए थे।
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