नयी दिल्ली 14 जून (कड़वा सत्य) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत हिन्द महासागर क्षेत्र में मुक्त नौवहन तथा नियम आधारित विश्व व्यवस्था का पक्षधर है और इसी कड़ी में नौसेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक ताकत या सैन्य शक्ति के आधार पर किसी भी देश के एकाधिकार के खिलाफ है।
श्री सिंह ने नौसेना की संचालन तैयारियों की समीक्षा के लिए आज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नौसेना की पूर्वी कमान का दौरा किया और युद्धपोत आईएनएस जलाश्व पर सवार होकर ‘समुद्र में एक दिन’ कार्यक्रम में शामिल हुए। लगातार दूसरी बार रक्षा मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद यह श्री सिंह की किसी सैन्य बेस की पहली यात्रा थी।
इस कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने नौसेना की युद्ध क्षमता और तैयारियों की समीक्षा के लिए कमान के विभिन्न युद्धपोतों, पनडुब्बी और विमानों के संचालन को देखा। उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर भी थे।
पूर्वी बेड़े के अधिकारियों और नाविकों के साथ बातचीत करते हुए श्री सिंह ने हमेशा संचालन के लिए तैयार रहने और हिंद महासागर क्षेत्र में पहली प्रतिक्रिया करने वाली सेना के रूप में उभरने के लिए नौसेना की सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारी नौसेना यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे देश को न दबाए या आर्थिक ताकत अथवा सैन्य शक्ति के आधार पर किसी की रणनीतिक स्वायत्तता को खतरे में न डाले। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें क्षेत्र में हमारे मित्र देश सुरक्षित रहते हैं और पारस्परिक प्रगति के पथ पर एक साथ आगे बढ़ते हैं, ”।
रक्षा मंत्री ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की हैसियत बढाने में नौसेना के योगदान काे भी श्रेय दिया। उन्होंने इस वर्ष मार्च में अरब सागर में नौसेना के साहसी बचाव अभियान का विशेष उल्लेख किया, जब उसने 23 पाकिस्तानी नागरिकों को सोमाली समुद्री डाकुओं से मुक्त कराया था। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन मानवता के साथ-साथ नौसेना कर्मियों में निहित मूल्यों का प्रदर्शन था, जो राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना हर किसी की सहायता के लिए आते हैं।”
श्री सिंह ने कहा, “ यह बहुत गर्व की बात है कि हमारी नौसेना सुरक्षित व्यापार सुनिश्चित कर रही है और हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति तथा समृद्धि को बढ़ावा दे रही है। मुक्त नेविगेशन, नियम-आधारित विश्व व्यवस्था, समुद्री डकैती रोधी और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता सुनिश्चित करना हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य है। इन्हें पूरा करने में नौसेना अहम भूमिका निभा रही है। भारत, अपनी बढ़ती शक्ति के साथ, इस क्षेत्र के साथ-साथ पूरे विश्व को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ”
रक्षा मंत्री ने नौसेना की बढ़ती ताकत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत के वाणिज्यिक हित इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, और नौसेना व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करते हुए समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है, उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
श्री सिंह ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद पहला दौरा हमेशा विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह सरकार के भविष्य के दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा , “जून 2019 में रक्षा मंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत में मैंने सियाचिन ग्लेशियर का दौरा किया। मैंने अप्रैल 2024 में फिर से दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र का दौरा किया। हमारा उद्देश्य उत्तरी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना था। चाहे वह बुनियादी ढांचे का विकास हो या दूर-दराज के इलाकों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना हो या सीमाओं पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना हो, हमने इन सभी उद्देश्यों को हासिल किया है। हालाँकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हमने अपने पिछले कार्यकाल में हिन्द महासागर पर ध्यान नहीं दिया। हमने अपनी नौसेना और समुद्री सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया।”
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल में, समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने और हिन्द महासगर क्षेत्र में भारत की नौसैनिक शक्ति की मौजूदगी को और अधिक प्रभावी तथा मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “बढ़ते औद्योगिक बुनियादी ढांचे के कारण भारतीय नौसेना लगातार मजबूत हो रही है। हमारे शिपयार्ड का विस्तार हो रहा है, विमानवाहक पोत बढ़ रहे हैं और हमारी नौसेना एक नई शक्ति के रूप में उभर रही है। हम दूसरे कार्यकाल में भी अपने प्रयासों को गति देंगे। चाहे हिमालय हो या हिंद महासागर, हमारी प्राथमिकता सीमाओं पर सुरक्षा को लगातार मजबूत करने की होगी।” श्री सिंह ने कहा कि सीमाओं और समुद्री सुरक्षा पर सरकार के फोकस का एक व्यापक दृष्टिकोण देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को एक सूत्र में बांधना है।
‘समुद्र में एक दिन’ कार्यक्रम का समापन ‘सनराइज फ्लीट’ के दल के साथ पारंपरिक बड़ाखाना के साथ हुआ। इससे पहले, विशाखापत्तनम में आईएनएस डेगा पहुंचने पर रक्षा मंत्री का ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ औपचारिक स्वागत किया गया।
कड़वा सत्य