नयी दिल्ली, 14 मई (कड़वा सत्य) उच्चतम न्यायालय ने 72 साल से अधिक उम्र के मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा से कथित तौर पर माओवादियों से संबंध होने के आरोप के एक मामले में मंगलवार को नियमित जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने आरोपी नवलखा की उनके घर में नजरबंदी के अपने पिछले आदेश में संशोधन किया और इसमें हुए खर्च के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी को 20 लाख रुपये के भुगतान की शर्त पर जमानत देने की उन्हें अनुमति दी।