नयी दिल्ली 22 दिसंबर (कड़वा सत्य) दुर्लभ बीमारी मस्कूलर डिस्ट्राफी से पीड़ित बच्चों के माता पिता के संगठन मस्कूलर डिस्ट्राफी वेल्फेयर एसोसिएशन और मस्कूलर डिस्ट्राफी पीड़ित परिवार ने केंद्र सरकार से रोगी बच्चों के उपचार में मदद की अपील करते हुए असाध्य रोग निधि की राशि 50 लाख रुपए से बढ़ाकर “उपचार की वास्तविक राशि” करने की मांग की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपे एक ज्ञापन में इन संगठनों ने कहा है कि मस्कूलर डिस्ट्राफी से पीड़ित बच्चों का इलाज सुनिश्चित किया जाना चाहिए और रोगी इलेक्ट्रोनिक व्हील चेयर दी जानी चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार को असाध्य रोग निधि की राशि 50 लाख रुपए से बढ़ाकर “उपचार का वास्तविक राशि” कर देनी चाहिए। मस्कूलर डिस्ट्राफी का उपचार बहुत महंगा है और कई बार यह करोड़ों रुपए में पहुंच जाता है।
दोनों संगठनों के सदस्य शुक्रवार काे इंडिया गेट पर एकत्र हुए और मौन प्रदर्शन किया। ये सदस्य विभिन्न राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से आये थे।
मस्कूलर डिस्ट्राफी बीमारी से पीड़ित बच्चों की उचित और महंगे उपचार के अभाव में अल्प आयु में मृत्यु हो जाती है। आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी में मृत्यु शत-प्रतिशत है।
संगठनों का दावा है कि अगर इस बीमारी से संबंधित सर्वेक्षण कराया जाए तो देश में इस पीड़ित बच्चों की संख्या लाखों में हो सकती है। संगठनाें का कहना है कि मस्कूलर डिस्ट्राफी से पीड़ित बच्चों का उपचार बहुत महंगा है और कई परिवार इसमें आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाते हैं।
सत्या, उप्रेती