नयी दिल्ली, 10 अप्रैल (कड़वा सत्य) म्यूचुअल फंड कंपनियों के मंच एएमएफआई की बुधवार को जारी मासिक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2024 में मिड और स्माल कैप फंड में निकासी का जोर होने से कुल मिला कर इक्विटी (शेयरों पर केंद्रित) म्युचुअल फंड निवेश योजनाओं में प्रवाह में गिरावट दर्ज की गयी।
रिपोर्ट के अनुसार इक्विटी योजनाओं में निवेश 15.8 प्रतिशत गिर कर 22,500 करोड़ के स्तर पर आ गया।
इस दौरान म्यूचुअल फंड की प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति (एयूएम) दो प्रतिशत घटकर 53.12 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि फरवरी में यह 54.24 लाख करोड़ रुपये थी।
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने आंकड़ों का विश्लेषण करते हुये कहा कि मार्च में लार्ज कैप इक्विटी योजनाओं ने निवेश आकर्षित करने में अच्छा योगदान किया, जिससे इस खंड में साल भर शुद्ध बहिर्वाह का अनुभव पलट गया।
उन्होंने कहा, “ हमने मार्च में इक्विटी प्रवाह में गिरावट देखी, जो मुख्य रूप से लघु और मिडकैप श्रेणी के कारण थी। ”
आलोच्य माह में मल्टी-कैप और लार्ज और मिडकैप श्रेणी के फंडों में कुल मिला कर 5000 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह देखा गया।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि यह रुझान लार्ज कैप की तुलना में मिड और स्मॉल कैप के मूल्यांकन में गिरावट के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि इससे संकेत है कि लार्ज कैप/ फ्लैक्सी कैप उन्मुख योजनायें आने वाले महीनों में निवेश का प्रवाह और बढ़ सकता है।
हाइब्रिड श्रेणी की म्यूचुअल फंड योजनाओं में इस दौरान 2681 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह जो एक माह पहले के 4,043 करोड़ रुपये के प्रवाह से कम है।
वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में कर-बचत की पात्र योजनाओं में निवेश की प्रवृत्त को देखते हुये मार्च में इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) फंड का प्रवाह लगभग पांच गुना बढ़कर 1,789.1 करोड़ रुपये हो गया।
स्मॉलकेस मैनेजर और क्वांटेस रिसर्च के संस्थापक कार्तिक जोनागाडला ने कहा कि
“मार्च 2024 में इक्विटी प्रवाह में महीने की कमी को किसी नकारात्मक प्रवृत्ति के बजाय वित्तीय वर्ष की समाप्ति के संदर्भ में देखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दो माह से सिस्टमेटिक निवेश योजना (एसआईपी) का योगदान लगातार 19,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना रहा, जो निवेशकों की अधिक अनुशासित निवेश रणनीति की ओर बदलाव का संकेत देती है। ”
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कड़वा सत्य